मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा एआईसीसी मुख्यालय से श्मशान तक शनिवार सुबह 9:30 बजे होगी: केसी वेणुगोपाल; प्रधानमंत्री मोदी और सोनिया गांधी सहित प्रमुख नेताओं का श्रद्धांजलि अर्पित करने का निर्णय

नई दिल्ली, 27 दिसंबर, 2024: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा 28 दिसंबर, 2024, शनिवार को सुबह 9:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय (AICC) से शुरू होगी। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि AICC कार्यालय में एक समारोह के बाद शव यात्रा श्मशान भूमि के लिए रवाना होगी, जहां विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग और नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
डॉ. सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, 26 दिसंबर, 2024 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गए। उनके निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है, और देशभर से उनके जीवन और योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। उनका निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत है, और उन्हें एक शांतिपूर्ण व्यक्तित्व, आर्थिक सुधारों और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाएगा।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
डॉ. सिंह की अंतिम यात्रा को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, और कई प्रमुख नेता इस समारोह में शामिल होने की संभावना है। शोक व्यक्त करने वाले लोग AICC मुख्यालय में एकत्रित होंगे, जो डॉ. सिंह के करियर से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थल है। वहां से उनके पार्थिव शरीर को श्मशान भूमि के लिए ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार होगा।
के.सी. वेणुगोपाल के अनुसार, शव यात्रा शनिवार सुबह 9:30 बजे AICC मुख्यालय से शुरू होगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के करीबी सहयोगी इस समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और राज्य नेता भी शोक व्यक्त करने के लिए उपस्थित होंगे।
राजनीतिक नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर विभिन्न नेताओं ने गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो डॉ. सिंह के उत्तराधिकारी रहे, ने अपने ट्वीट में कहा, “डॉ. सिंह, एक शांतिपूर्ण और महान नेता, जीवनभर सार्वजनिक सेवा में समर्पित रहे। उनके द्वारा देश की समृद्धि के लिए किए गए असाधारण कार्यों को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की राजनीतिक और आर्थिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “वह एक समर्पित व्यक्ति थे, एक महान नेता जिनमें विनम्रता थी,” और 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान डॉ. सिंह द्वारा किए गए विवेकपूर्ण निर्णयों को सराहा, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद की।
कांग्रेस के नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें महान Integrity और बुद्धिमानी का आदमी बताया, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि डॉ. सिंह के नेतृत्व ने भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
डॉ. सिंह की धरोहर
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया, जिससे भारत को वैश्विक मंच पर खड़ा होने का मौका मिला। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ऐतिहासिक सुधारों का गवाह बना, जैसे कि Goods and Services Tax (GST) और विदेश नीति में कदम जो भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने में सहायक रहे।
डॉ. सिंह की नेतृत्व शैली शांतिपूर्ण, विचारशील और सहमति बनाने वाली थी। उनका जीवनIntegrity और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने भारत को आर्थिक समृद्धि और वैश्विक संकटों से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका शासन भारत में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानजनक था।
राष्ट्र शोक में डूबा
डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के समय भारत में राष्ट्रीय शोक रहेगा, और पूरे देश में सरकारी कार्यालयों में झंडे आधे झुके रहेंगे। झारखंड जैसे राज्य सरकारों ने भी शोक काल घोषित किया है, और कई कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।
भारत अब डॉ. मनमोहन सिंह की धरोहर से आगे बढ़ेगा, और उनकी नीतियों के कारण उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन देशवासियों को उनके दृष्टिकोण, कूटनीति और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण के प्रति एक सामूहिक श्रद्धांजलि के रूप में एकजुट करेगा। भारत आज उनके जीवन पर विचार कर रहा है, जिन्होंने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था की धारा को आकार दिया और जिनकी विनम्रता और गरिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।