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दिल्ली चुनाव: अतिशी ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, ‘बीजेपी की मदद कर रही है कांग्रेस

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, जो कि INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, दिल्ली चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला कर रही हैं।

जैसे-जैसे 2024 दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजधानी का राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। यह चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे, जिसमें दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। इस बार एक दिलचस्प स्थिति बन गई है, क्योंकि विपक्षी INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) गठबंधन के दोनों सदस्य—आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस—एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। यह स्थिति चौकाने वाली है, क्योंकि इन दोनों पार्टियों का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराना है, लेकिन दिल्ली में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

विभाजित विपक्ष: AAP और कांग्रेस
INDIA गठबंधन, जो भाजपा के खिलाफ एक विकल्प के रूप में गठित हुआ है, कई विपक्षी पार्टियों को एकजुट करता है, जिनका लक्ष्य वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकना है। इसमें कांग्रेस, AAP, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य प्रमुख पार्टियां शामिल हैं। लेकिन दिल्ली में यह गठबंधन, जो राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दर्शाता है, स्थानीय स्तर पर उतनी समन्वित नहीं दिख रही है। AAP और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कट्टर मुकाबला करने के लिए तैयार हैं, हालांकि ये दोनों एक ही गठबंधन का हिस्सा हैं।

AAP की नेता और विधायक अतिशी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस दिल्ली चुनावों में भाजपा की मदद कर रही है। अतिशी का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर भाजपा के खिलाफ विपक्षी वोटों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है, जिससे भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाना मुश्किल हो जाए।

AAP की रणनीति और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
AAP 2015 से दिल्ली में सत्ता में है और उसने शहर में एक मजबूत राजनीतिक आधार बनाया है, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर। पार्टी का प्रदर्शन दिल्ली में बहुत अच्छा रहा है और इसे सरकार की सेवाओं में सुधार के कारण जनता का समर्थन प्राप्त हुआ है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, AAP अपनी चुनावी मुहिम को तेज कर रही है और लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में उतरने की कोशिश कर रही है।

वहीं, कांग्रेस, जो दिल्ली में ऐतिहासिक रूप से एक प्रमुख शक्ति रही है, अब राज्य में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। 2020 दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के केवल एक सीट पर सिमट जाने के बाद, पार्टी ने दिल्ली में अपनी किस्मत को फिर से चमकाने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली, जो पार्टी के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस चुनावों में एक मजबूत दावेदार है और AAP को बिना चुनौती दिए आगे बढ़ने नहीं देंगे।

INDIA गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद, दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच की प्रतिस्पर्धा नई नहीं है। AAP का दिल्ली की राजनीति में तेज़ी से उभार ने कांग्रेस की पकड़ को कमजोर किया है, और कई कांग्रेस नेताओं ने AAP के कारण अपनी पार्टी को हाशिए पर होने की बात की है। दोनों पार्टियों के बीच का यह मतभेद चुनावों के नजदीक और गहरा हुआ है।

दरार का कारण
इस दरार का मुख्य कारण AAP और कांग्रेस की अलग-अलग राजनीतिक रणनीतियां हैं। AAP ने खुद को एक भ्रष्टाचारमुक्त, ईमानदार विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि कांग्रेस अब भी अपनी पुरानी राजनीतिक मशीनरी और विरासत पर निर्भर है। AAP ने दिल्ली के शहरी मतदाताओं में अपनी जगह बनाई है, खासकर शासन और सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्र में सुधार के लिए। इसके विपरीत, कांग्रेस को दिल्ली में अपनी प्रमुख ताकत के रूप में स्थापित करने में मुश्किल हो रही है।

AAP की बढ़ती राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव ने कांग्रेस के साथ टकराव को जन्म दिया है। दिल्ली से बाहर विस्तार करने के बाद, AAP अब अन्य राज्यों में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिससे कांग्रेस के पारंपरिक विपक्षी नेतृत्व को चुनौती मिल रही है। इस कारण दोनों पार्टियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जो पहले से ही तनावपूर्ण थी।

बड़ा चित्र: राष्ट्रीय संघर्ष
हालांकि दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच की प्रतिस्पर्धा केंद्र में है, 2024 चुनावों के परिणाम INDIA गठबंधन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे। विपक्ष को भाजपा को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होना जरूरी है, लेकिन दिल्ली की स्थिति यह स्पष्ट करती है कि क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं और स्थानीय सत्ता संघर्ष जब प्रमुख हो जाते हैं, तो सहयोग करना बहुत कठिन हो जाता है। दिल्ली चुनावों का परिणाम INDIA गठबंधन के लिए बहुत प्रभावशाली हो सकता है, क्योंकि यह विपक्षी पार्टियों के बीच मतभेदों को पाटने या एकजुट होने की क्षमता का संकेत देगा।

AAP और कांग्रेस के बीच सहयोग न कर पाने से विपक्षी गठबंधन के भविष्य के लिए चिंता उत्पन्न होती है। यदि AAP और कांग्रेस महत्वपूर्ण राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहें, तो यह भाजपा के खिलाफ उनके सामूहिक प्रयासों को कमजोर करेगा। हालांकि, अगर दोनों पार्टियां अपनी दरारें मिटाकर एक रणनीतिक गठबंधन बनाती हैं, तो दिल्ली और अन्य राज्यों में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विरोधी गठबंधन बन सकता है।

निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव के पास आते हुए, AAP और कांग्रेस के बीच की प्रतिस्पर्धा राजनीति के परिप्रेक्ष्य में एक दिलचस्प जटिलता जोड़ देती है। भले ही दोनों INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन ये दोनों दिल्ली में एक-दूसरे के खिलाफ सीधे मुकाबले के लिए तैयार हैं। दिल्ली चुनाव AAP के तीसरे लगातार कार्यकाल के लिए और कांग्रेस के पुनर्निर्माण का संघर्ष साबित होगा। यदि विपक्ष अपनी अंतरकलह को दूर नहीं कर पाता, तो यह पूरे INDIA गठबंधन के भविष्य को लेकर असमंजस पैदा कर सकता है, जिससे 2024 के चुनावों में गठबंधन की सफलता पर असर पड़ सकता है।

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Harshita Ahuja

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