भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास को एसिडिटी की शिकायत हुई और उन्हें निगरानी के लिए चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एक ताजा घटनाक्रम में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है, लेकिन उनके स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद यह जानकारी मिली है कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें चिकित्सा देखभाल दी जा रही है।
शक्तिकांत दास, जो दिसंबर 2018 से भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में कार्य कर रहे हैं, भारतीय वित्त और अर्थव्यवस्था के प्रमुख व्यक्तित्व हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय रिजर्व बैंक ने कई संकटों और चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें चल रहे COVID-19 महामारी के दौरान मौद्रिक नीति प्रबंधन से लेकर वैश्विक वित्तीय अनिश्चितताओं के बीच अर्थव्यवस्था को दिशा देने तक शामिल हैं। उनके कार्यकाल ने भारत के वित्तीय प्रणाली को स्थिर करने और आर्थिक पुनर्वृद्धि की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबर एक झटका थी, क्योंकि दास हाल ही में देश की आर्थिक नीतियों से संबंधित प्रमुख घटनाओं और बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे थे। हालांकि, आरबीआई और उनके परिवार के आधिकारिक सूत्रों ने उनके अस्पताल में भर्ती होने के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
विकास से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आरबीआई गवर्नर को अनुभवी चिकित्सकों की एक टीम द्वारा देखभाल दी जा रही है और उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार मिल रहा है। यह अनुमान लगाया गया है कि दास अस्पताल में इस आशंका के तहत रहेंगे कि उन्हें और अधिक निरीक्षण और परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। जनता से अपील की गई है कि वे बिना सत्यापित जानकारी फैलाने से बचें और इस समय उनके निजी जीवन का सम्मान करें।
शक्तिकांत दास, जो तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, विशेष रूप से जटिल वित्तीय मुद्दों को संभालते समय अपनी शांत और संतुलित शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके नेतृत्व में, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति नियंत्रण, मुद्रा प्रबंधन और वित्तीय क्षेत्र सुधारों जैसे महत्वपूर्ण मामलों में मार्गदर्शन प्रदान किया है। उन्होंने महामारी के दौरान वित्तीय संस्थानों को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाई है, खासकर जब अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही थी।
आरबीआई गवर्नर ने भारत की वित्तीय नीतियों को मार्गदर्शन देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से देश के मौद्रिक ढांचे को मजबूत करने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, और विदेशी मुद्रा भंडार के साथ काम करने में। विशेषज्ञ अक्सर उनकी प्रशंसा करते हैं, जब उन्होंने कई महत्वपूर्ण अवसरों पर साहसिक और प्रभावी कदम उठाए, जो घरेलू और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुए।
इस खबर के बाद, भारतीय वित्तीय क्षेत्र के कई प्रमुख अधिकारियों, नीति निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों ने उनकी शीघ्र स्वस्थता की कामना की है। अब तक, उनके आरबीआई में जिम्मेदारियों में किसी बदलाव की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, हालांकि कुछ ने अस्थायी नेतृत्व समायोजन की संभावना जताई है। आरबीआई ने आश्वासन दिया है कि संचालन में कोई विघ्न नहीं आएगा और केंद्रीय बैंक के मामलों को इस अवधि के दौरान अच्छी तरह से संभाला जाएगा।
गवर्नर दास के कार्यभार संभालने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनकी सेहत सरकार और आरबीआई के लिए प्राथमिकता रहेगी। इस समय उनके शीघ्र स्वस्थ होने और उनके महत्वपूर्ण भूमिका में लौटने की कामना की जा रही है।
भारत के वित्तीय और आर्थिक क्षेत्र से जुड़े सभी सर्कल अब उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि उनका योगदान देश की अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास के लिए बेहद अहम है। फिलहाल, देशवासियों की नजरें भारत के एक प्रमुख वित्तीय नेता की सेहत पर टिकी हैं, और देश पूरी उम्मीद के साथ उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है।