प्रदर्शनकारी कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार-हत्या मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

आज पश्चिम बंगाल में एक बड़े बंद का आह्वान किया गया है, जो पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और पानी की बौछार के बाद तनावपूर्ण स्थिति में तब्दील हो गया।
प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ एक लंबित मुद्दे पर आक्रोश व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। उनका आरोप है कि प्रशासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य नागरिक संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद का समर्थन कई विपक्षी दलों ने भी किया है। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़कों को जाम कर दिया और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को प्रभावित किया।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की, जिससे प्रदर्शनकारियों की भीड़ और भड़क गई। इसके परिणामस्वरूप, कई स्थानों पर झड़पें और छोटे-मोटे दंगे हुए हैं।
इस बंद के चलते व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं और स्कूल-कॉलेजों की गतिविधियाँ भी प्रभावित हुई हैं। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और प्रदर्शनकारियों से संवाद कायम करने का प्रयास किया है।
स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई अत्यधिक थी और प्रदर्शनकारियों के साथ संवाद करने के बजाय बल प्रयोग किया गया। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात किया है और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें प्रदर्शनकारियों की मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बीच, स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और शांति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।