रेलवे भूमि-से-नौकरी घोटाले के मामले में ईडी ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया है। इस आरोपपत्र में नए सबूतों और गवाहों की जानकारी शामिल की गई है, जो मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले के माध्यम से रेलवे की भूमि का दुरुपयोग कर अवैध रूप से नौकरी की पेशकश की गई थी। आरोपपत्र में दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोप लगाए गए हैं, और इससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है। मामले की जांच जारी है और आगे की कानूनी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे तेजस्वी यादव और आठ अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया।
आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दायर किया गया, जिन्होंने मामले पर विचार के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की।
ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर से उपजा है।
आरोपपत्र विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दायर किया गया, जिन्होंने मामले पर विचार के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की।
ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर से उपजा है।
यह मामला 2004 से 2009 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में रेल मंत्री के रूप में प्रसाद के कार्यकाल के दौरान उपहार में दी गई या हस्तांतरित भूमि पार्सल के बदले में मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में की गई ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है। ईडी के अनुसार, राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भर्तियां की गईं।