एनएसआरसी ने कहा कि चूरलमाला और उसके आसपास भारी बारिश के कारण बड़ा मलबा बह गया है। इस बीच, बचाव दल लापता लोगों का पता लगाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और मलबे और दबे हुए पीड़ितों को खोजने के लिए भारी मशीनरी के बिना चुनौतीपूर्ण इलाके में बचाव प्रयासों को जारी रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

हाल ही में केरल में आए भूस्खलन ने क्षेत्रीय तबाही मचा दी है। सैटेलाइट इमेजरी के माध्यम से 86,000 वर्ग मी भूमि के क्षति का पता चला है। इन छवियों ने इस आपदा के व्यापक असर को स्पष्ट किया है, जिसमें ढहते पहाड़, फटी सड़कें और बर्बाद हुए खेत शामिल हैं।
भूस्खलन के कारण कई गांवों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों की जिंदगी पर प्रभाव पड़ा है। सरकार और राहत एजेंसियाँ तात्कालिक राहत कार्यों में जुटी हुई हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संकट से उबरने के लिए दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाएं भी बनाई जा रही हैं।
सैटेलाइट इमेजरी की मदद से अधिकारियों को सटीक जानकारी प्राप्त हो रही है, जो राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से चलाने और नुकसान की पूर्ण समीक्षा करने में सहायक है। इसके अतिरिक्त, इन छवियों से भविष्य में भूस्खलनों की रोकथाम के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन की दिशा में भी मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।