सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण का समर्थन करती है।

1 अगस्त 2024 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर हाशिए पर रहे वर्गों के लिए अलग कोटा लागू करने की मंजूरी दे दी। इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत, SC/ST के भीतर विशेष रूप से कमजोर समूहों को शिक्षा, नौकरियों और अन्य सरकारी लाभों में अलग से आरक्षण मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला SC/ST समुदाय के भीतर सामाजिक और आर्थिक असमानता को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, उन उप-वर्गों को जो विशेष रूप से हाशिए पर हैं, उनके अधिकार और अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे।
इस निर्णय के लागू होने से सरकारी योजनाओं और संस्थानों में इन उप-वर्गों के लिए अतिरिक्त आरक्षण मिलेगा, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही मांग और बहस के बाद आया है और इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।