प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य भारतीय सेनाओं को युवा, प्रेरित और युद्ध के लिए तैयार बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह योजना सैनिकों को नई ऊर्जा और समर्पण के साथ प्रशिक्षित करने का प्रयास है, ताकि वे देश की सुरक्षा में बेहतर भूमिका निभा सकें। पीएम मोदी ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कुछ लोग इस महत्वपूर्ण योजना को राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, जो कि देश की रक्षा और सेनाओं के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस योजना को सही परिप्रेक्ष्य में समझें और इसके सकारात्मक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

पीएम नरेंद्र मोदी करगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास पहुंचे और जांबाज शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया और सेना में भर्ती के लिए आई अग्निपथ स्कीम पर हमला बोलने वाले विपक्ष को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है। मैं ऐसा लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी है। उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल बाद आएगी। तब मोदी 105 साल का होगा। तब ना मोदी की सरकार होगी। क्या मोदी ऐसा नेता है कि 30 साल बाद वाली चीज के लिए आज गाली खाएगा।
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा… मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए दल से बढ़कर देश है. मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि हमने सेनाओं द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान किया है. हम राजनीति के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं। पीएम ने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता राष्ट्र की सुरक्षा है, और 140 करोड़ भारतीयों की शांति सबसे पहले है। जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास यह दर्शाता है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने वन रैंक-वन पेंशन पर झूठ बोला और 500 करोड़ की मामूली रकम का प्रचार किया। हमारी सरकार ने वन रैंक-वन पेंशन लागू किया और पूर्व सैनिकों को सवा लाख करोड़ से अधिक का लाभ दिया। तुलना करें, 500 करोड़ और सवा लाख करोड़ का अंतर, यह कितना बड़ा झूठ है।’