सौभाग्य सुंदरी व्रत मार्गशीर्ष के महीने में आता है और विवाहित महिलाओं में इस व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

सौभाग्य सुंदरी व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने का विधान है। सुहागन महिलाएं इस व्रत को रखती हैं ताकि उन्हें अखंड सौभाग्य और सुंदरता का आशीर्वाद मिले। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय तिवारी सौभाग्य सुंदरी व्रत का पूजन समय और महत्व बता रहे हैं.
सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022
पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 32 मिनट से होगा और इस तिथि का समापन 11 नवंबर दिन शुक्रवार को रात 08 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा.
सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
जो महिलाएं इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत रखेंगी, वे शुभ मुहूर्त में माता पार्वती और शिव जी की पूजा करेंगी. ऐसे में आज सुबह, दोपहर और शाम के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दी जा रही है. आप के यहां जिस मुहूर्त में पूजा होती हो, उस समय में पूजा विधिपूर्वक करें.
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 08:01 एएम से 09:23 एएम
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:23 एएम से 10:44 एएम
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:05 पीएम से 01:26 पीएम
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 08:47 पीएम से 10:26 पीएम
शिव योग में सौभाग्य सुंदरी व्रत
इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत शिव योग और सिद्ध योग में है. 11 नवंबर को शिव योग सुबह से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. शिव और सिद्ध योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं.
सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व
सौभाग्य सुंदरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माता पार्वती के आशीर्वाद से सौंदर्य प्राप्त होता है. वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और सुख शांति रहती है. पति और संतान सुखी होते हैं. इस व्रत को तीज व्रत के समान ही महत्वपूर्ण माना जाता है.