छावला गैंगरेप मामले में तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है. दिल्ली महिला आयोग का कहना है कि अपराधी रिहा हो चुके हैं और खुले में घूम रहे हैं, ऐसे में पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मिलनी चाहिए.

दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस से छावला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों के लिए सुरक्षा की मांग की है. दिल्ली पुलिस को जारी नोटिस में आयोग ने कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपराधी खुले घूम रहे हैं, मृतक लड़की के परिवार के सदस्यों को तुरंत उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. आयोग ने पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और पुलिस से पीड़ित के परिवार के सदस्यों को मुहैया कराई गई सुरक्षा का स्तर बताने को कहा है.
दिल्ली पुलिस को 48 घंटों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं उस जघन्य अपराध और मामले की गति से बहुत दुखी हूं, जिसके कारण अंततः मृतक और उसके परिवार को न्याय से वंचित होना पड़ा. यह कई स्तरों पर अंदर से परेशान करने वाला है और हमारे सिस्टम पर कई सवाल उठाता है. आयोग मामले में कानूनी राय ले रहा है. हालांकि, इस बीच, परिवार की सुरक्षा चिंता का विषय है और इसलिए हमने इसे सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.”
इसके साथ ही आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है, और पुलिस से पीड़िता के परिवार के सदस्यों को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी देने को कहा है. दिल्ली पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में 48 घंटों में आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है.
आयोग का कहना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच और परीक्षण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की,और कुछ अन्य चूकों के साथ अपर्याप्त सबूत और अनुचित जांच का हवाला देते हुए सभी तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया है और अब ये मामला बेहद संवेदनशील हो गया है. अपराधी रिहा हो चुके हैं और खुले घूम रहे हैं, ऐसे में मृतक लड़की के परिवार के सदस्यों को तुरंत उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.