जस्टिस यूयू ललित को 26 अगस्त 2022 को देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित मंगलवार यानी आठ नवंबर को रिटायर हो रहे हैं लेकिन आठ नंवबर को गुरु नानक जयंती होने के चलते कोर्ट में छुट्टी रहेगी. लिहाजा जस्टिस यूयू ललित का सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम कार्य दिवस है. अपने आखिरी कार्यदिवस के दिन वह लगातार बड़े फैसलों के साक्षी बन रहे हैं. पहले दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा और अब हेमंत सोरन मामले में बड़ी राहत दी है. सीजेआई आज 6 अहम मामलों की सुनवाई/फैसलों में शामिल होंगे.
उनके आखिरी वर्किंग डे पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीजेआई की अध्यक्षता वाली औपचारिक पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश सेरेमोनियल बेंच में अपने उत्तराधिकारी के साथ बेंच शेयर करते हैं. इस दौरान बार के अन्य सदस्यों और अन्य अधिकारियों ने उन्हें विदाई दी.
EWS आरक्षण को लेकर करेंगे फैसला
जस्टिस यूयू ललित ने इस साल 27 अगस्त को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी. उनका कार्यकाल 74 दिनों का था. अपने आखिरी कार्य दिवस पर जस्टिस यूयू ललित छह मामलों में फैसला सुनाएंगे. सबसे बड़ा मामला सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का है. इस आरक्षण की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वहीं, दूसरा मामला आम्रपाली आवास योजना से जुड़ा है. इसमें आवंटियों को फ्लैट दिलाने या बदले में पैसा मिलने पर सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला देगा. अन्य चार मामले सामान्य हैं.
जस्टिस ललित बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने वाले दूसरे सीजेआई हैं. पहले जस्टिस एसएम सीकरी थे, जो जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे. जस्टिस ललित के पिता जस्टिस यूआर ललित भी सीनियर एडवोकेट थे और बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश थे. जस्टिस ललित को 26 अगस्त 2022 को सीजेआई एनवी रमण का कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.