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एक ऐसी तकनीक,जिसके जरिये जानवरों से बात करेंगे इंसान,क्या है योजना

वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से हाथियों की लो-फ्रीक्वेंसी आवाजों को पहचान रहे हैं. साथ ही मधुमक्खियों के डगमगाने को भी वे समझ पा रहे हैं.

कहा जाता है कि जानवर भी प्यार की भाषा समझते हैं. हम इंसान उन्हें दुलार देते हैं तो वे हमारा कहा मानते हैं. वहीं सेना और पुलिस में भी जानवरों को ट्रेंड किया जाता है और फिर वे कमांड सुन कर आदेश का पालन करते हैं. यानी जानवर तो हम इंसानों की भाषा समझते हैं लेकिन जानवरों की जो अपनी भाषा, उसे क्या हम इंसान भी ठीक से समझ सकते हैं. मसलन क्या हम किसी हाथी से बात कर सकते हैं, उनकी भाषा में? या फिर मधुमक्खियों से?

अजीब सवाल है न? लेकिन इसका जवाब है- हां. हम इंसान जल्द ही ऐसे जानवरों से बात करने में सक्षम हो सकते हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक एक ऐसी ही तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसके जरिये इंसान, जानवरों से बात कर पाएंगे. आइए जानते हैं, इस बारे में विस्तार से.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक

दुनियाभर के वैज्ञानिक AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हाथी, मधुमक्खी और व्हेल मछली से बात करने की कोशिश कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि AI की मदद से हम जंगली जानवरों को अपने फायदे के लिए नियंत्रित कर सकते हैं.

जर्मनी में एक रिसर्च टीम ने गैर-इंसानी आवाज को डिकोड करने में कामयाबी पाई है. यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की प्रोफेसर कैरन बैकर के अनुसार, वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से हाथियों की लो-फ्रीक्वेंसी आवाजों को पहचान रहे हैं. साथ ही मधुमक्खियों के डगमगाने को भी वे समझ पा रहे हैं. प्रो बैकर के अनुसार, इस तकनीक की मदद से इंसान, जानवरों से बात भी कर पाएंगे और उन्हें कंट्रोल भी कर पाएंगे

काम की तकनीक लेकिन गलत इस्तेमाल न हो

जानवरों से बात करने वाली एआई तकनीक को भविष्य में रोबोट्स में लगाया जा सकता है. इससे दो प्रजाति के बीच कम्यूनिकेशन संभव होगा. यह एक बड़ी कामयाबी साबित हो सकती है. हालांकि कुछ शंंकाएं भी हैं. प्रो बैकर का कहना है कि इस तकनीक के संभावित नुकसान भी हैं.

वो कहती हैं कि नई तकनीक की मदद से इंसानी दिमाग में जंगली जानवरों को गलत तरीके से कंट्रोल करने और उनके रहन-सहन के साथ गड़बड़ी करने की भावना आ सकती है. जैसे कि इंसान अब तक जंगली जानवरों को पालतू नहीं बना पाए हैं, लेकिन उन पर हावी होना भी एक गलत मकसद हो सकता है.

व्हेल से बात करने की कोशिश

अक्टूबर 2021 में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने व्हेल से बात करने के लिए प्रोजेक्ट CETI लॉन्च किया है. इस प्रोजेक्ट के जरिये इंसानी भाषा को व्हेल्स की भाषा से रिलेट किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रोजेक्ट 5 साल तक चलेगा. इसके बाद एक रोबोट बनाकर उसे व्हेल से बात करने समंदर में छोड़ दिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर टीम उत्साहित है.

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Pooja Pandey

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