कंपनी की नींव रखे जाने के दो साल बाद मारुति की पहली कार मारुति 800 थी. जिसने कई दिल जीते और समय के साथ ही ये एक ब्रॉन्ड बन गया.

देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी 25 मिलियन कारें बनाने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने हरियाणा के गुरूग्राम से अपने सफर की शुरूआत 1983 में की थी। जिसके बाद अब तक कंपनी के पास हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर में दो अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं हैं। इन दोनों फैक्ट्री से कंपनी हर साल 1.5 मिलियन यूनिट का उत्पादन करने में सक्षम है।
कब रखी गई थी कंपनी की नींव
24 फरवरी 1981 को देश की मौजूदा सबसे बड़ी वाहन निर्माता की नींव रखी गई थी। इसकी नींव भारत सरकार की ओर से रखी गई थी। भारत सरकार ने इसके लिए जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी की थी।कंपनी की नींव रखे जाने के दो साल बाद ही देश को अपनी पहली कार मिली थी। कंपनी की पहली कार मारुति 800 थी। जिसने कई दिल जीते और समय के साथ ही ये एक ब्रॉन्ड बन गया। कंपनी ने अपने ग्राहकों और पर्यावरण की बदलती जरूरतों के हिसाब से काम किया और कई वाहनों को भारतीय बाजार में पेश किया।
एक कार से शुरूआत करने वाली मारुति आज देश में कई कारों की बिक्री करती है। इनमें मारुति ऑल्टो 800, ऑल्टो के-10, एस प्रेसो, वैगन-आर, सेलेरियो, स्विफ्ट, इग्निस, डिजायर, सियाज, बलेनो, एक्सएल6, ब्रेजा और ग्रैंड विटारा ब्रेजा जैसी कारें शामिल हैं।
मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी टेकुची ने कहा कि 2022 भारत के लोगों के साथ सुजुकी की साझेदारी के 40 साल पूरे कर रहा है। इस साल 25 मिलियन संचयी उत्पादन मील का पत्थर पार करना सुजुकी की निरंतर प्रतिबद्धता और भारत के लोगों के साथ साझेदारी का प्रमाण है। मैं इस मौके पर मारुति सुजुकी के सभी कर्मचारियों, हमारे ग्राहक और डीलर्स के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मारुति सुजुकी लाखों लोगों के कार खरीदने के सपने को पूरा करने में सक्षम है। भविष्य में हम सभी के लिए ‘जॉय ऑफ मोबिलिटी’ देने के अपने लक्ष्य की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। इसके लिए हम बाजार में नए उत्पाद पेश करते रहेंगे।