ईडी इस मामले में सोरेन के सहयोगी पंकज मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. साहिबगंज में छापेमारी के दौरान ईडी के हाथ पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा लगा था, जिसके तार सीएम से जुड़ते हैं.

अवैध खनन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने तलब किया है. प्रवर्तन निदेशालय के रांची स्थित दफ्तर में सीएम सोरेन को गुरुवार सुबह 11.30 पेश होने के लिए कहा गया है. ईडी की ओर से पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था का विशेष इंतजाम करने का अनुरोध किया गया है. हालांकि, अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि हेमंत सोरेन गुरुवार को ईडी की सामने पेश होंगे या फिर वह आगे लिए वक्त लेंगे.
इसी मामले में सितंबर महीने में मुख्यमंत्री के सहयोगी पंकज मिश्रा को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. जुलाई महीने में ईडी ने पूरे राज्य में कई जगह छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने पंकज मिश्रा और उनके सहयोगी दाहू यादव के बैंक खातों से 11.88 करोड़ रुपए जब्त किए थे. इसके बाद पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था.
हेमंत सोरेन को समन भेजने का कारण?
साहिबगंज में छापेमारी के दौरान ईडी के हाथ पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा लगा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लिफाफे में मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था. इसमें दो चेक पर साइन भी किए गए थे. इसके अलावा, प्रेम प्रकाश के घर से मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के नाम आवंटित दो एक-47 और 60 गोलियां भी ईडी ने जब्त की थी. वहीं जिस दौरान पंकज मिश्रा रिम्स में भर्ती था, उस दौरान फोन पर अधिकारियों से बात करने और मुख्यमंत्री के नाम पर उन्हें डराने के प्रमाण भी ईडी को मिले हैं. ईडी के हाथ ऐसे सबूत लगे हैं जिससे यह पता चलता है कि पंकज मिश्री और उसके सहयोगी अवैध खनन के मामले में जिले के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम पर डराते थे.
इससे पहले, जांच एजेंसी ईडी ने पंकज मिश्रा को 19 जुलाई, 2022 को, बच्चू यादव को 4 अगस्त को और प्रेम प्रकाश को 25 अगस्त को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपी व्यक्ति वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बरहरवा पुलिस स्टेशन, साहेबगंज जिला, झारखंड में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. बाद में, आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज अवैध खनन के संबंध में कई एफआईआर को भी अनुसूचित अपराधों के दायरे में लिया गया है.