बिहार में जिन दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें चिराग पासवान ने बीजेपी का साथ देने का ऐलान कर दिया है.

बिहार में दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. बीजेपी को चिराग पासवान ने दोनों सीट पर समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. चिराग पासवान ने कहा कि बीजेपी नेताओं से लंबी बातचीत के बाद गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई, इस दौरान कई और बिंदुओं पर भी चर्चा हुई. ये चर्चा आने समय में और जारी रहेगी. छठ पर्व और चुनाव बीतने पर पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात होनी है. लेकिन फिलहाल मौजूदा चुनाव में ये फैसला कर लिया गया है कि पार्टी हरसंभव मेहनत कर बीजेपी उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश करेगी.
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या एनडीए में उनकी वापसी तय मानी जा रही है, क्या उनका मंत्री बनना तय है. जिस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ उपचुनाव की बात कर रहा हूं. वहीं आगे के कार्यक्रम बातचीत के बाद तय होगा. चिराग पासवान ने ये भी बताया कि गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी के समर्थन में प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. संजय जायसवाल ने कहा कि चिराग पासवान शुरू से ही बीजेपी का समर्थन दे रहे हैं.
बिहार बीजेपी ने चिराग को बताया सहयोगी
तिवारी से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के उस दावे के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि चिराग ‘एनडीए के सहयोगी’ हैं और वे तीन नवंबर को दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. हालांकि तिवारी ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष कल बिहार आएंगे. हम उनके दिशा-निर्देश का इंतजार करेंगे और उनकी सलाह पर काम करेंगे.’अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का नेतृत्व जमुई के सांसद चिराग ने उस समय तक किया था जबतक उनके विद्रोही चाचा पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के अन्य सांसदों के साथ मिलकर लोजपा को विभाजित नहीं किया.
2020 में चिराग का एनडीए से हुआ था संबंध विच्छेद
पशुपति पारस ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग के विद्रोह को अस्वीकार कर दिया था, जो उस समय एनडीए के सहयोगी थे. पारस को केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाना उनके भतीजे चिराग की नाराजगी का एक कारण था. बाद में चाचा और भतीजे के नेतृत्व में अलग हुए समूहों को अलग-अलग राजनीतिक दलों के रूप में मान्यता दी गई थी.
पारस एनडीए में बने हुए हैं और बीजेपी उम्मीदवारों सोनम देवी (मोकामा) और कुसुम देवी (गोपालगंज) के समर्थन में प्रचार करने उतरे हैं. इसके उलट चिराग उस गठबंधन का पक्ष लेने के बारे में अस्पष्ट रहे हैं, जिसमें उनके विद्रोही चाचा एक हिस्सा हैं, हालांकि ऐसा लगता है कि वे किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारकर विकल्प खुले रखे हुए हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य दलों के साथ महागठबंधन की सरकार बनाने के पूर्व चिराग और राजद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव साथ दिखे थे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का विचार था कि दोनों युवा नेताओं को एक साथ आना चाहिए.