ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में इतिहास रच दिया है. सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री होंगे. ऋषि सुनक को 180 से ज्यादा सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है. जरूरी समर्थन नहीं होने की वजह से Penny Mordaunt ने अपना नाम वापस ले लिया है. आपको बता दें कि लिज ट्रस ने 45 दिन प्रधानमंत्री रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

भारत में दिवाली का त्यौहार धूम से मनाया जा रहा है. वहीं, ब्रिटेन में ऋषि सुनक ने ऐसी सफलता रची कि इतिहास ही रच दिया. ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं. ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुना गया है. जैसे ही ये घोषणा हुई, ऋषि सुनक ने इतिहास रच दिया. पीएम पद हासिल करने के बाद ऋषि सुनक डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे. यहां पार्टी के नेताओं ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया. सभी लोग खड़े हुए थे और काफी देर तक तालियाँ बजाते रहे. ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले ऐसे पीएम हैं, ब्लैक (काली) नस्ल के हैं. और भारतीय मूल के हैं. ये पहला मौका है जब ब्रिटेन जैसे देश में कोई गोरे नस्ल का शख्स पीएम नहीं बना है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सर ग्राहम ब्रैडी ने ऋषि सुनक के पीएम बनने की औपचारिक घोषणा कर दी है.
ऋषि सुनक ने बताया खुद के बारे में
सुनक ने बताया “मैं अपनी पढ़ाई के दौरान कई देशों में रहा और भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे काम करने के लिए कई बेहतरीन अवसर मिले. सुनक ने बताया कि मैं कैलिफ़ोर्निया में अपनी पत्नी अक्षता से मिला, जहां हम घर लौटने से पहले कई सालों तक साथ रहे. हमने शादी की और हमारी दो बेटियां हैं,कृष्णा और अनुष्का. दोनों हमें व्यस्त रखती हैं और हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.”
सुनक पहली बार 2015 में रिचमंड (यॉर्कशायर) निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए और 2017 और 2019 में फिर से वहीं से सांसद चुने गए.
जुलाई 2019 में, सुनक को जनवरी 2018 में स्थानीय सरकार के मंत्री के रूप में चुना गया और उसके बाद, वित्त विभाग का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया.
फरवरी 2020 में, उन्हें राजकोष का चांसलर नियुक्त किया गया. इस पद पर उन्हें इस वर्ष जुलाई तक काम करने सौभाग्य प्राप्त हुआ.
ऋषि सुनक के दादा ने छोड़ा था भारत
भारतवंशी ऋषि सुनक के दादाजी का नाम राम दास सुनक था और दादी का नाम सुहाग रानी सुनक था, दोनों जालंधर में रहते थे और काफी पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखते थे. 1935 में राम दास सुनक को केन्या के नैरोबी शहर में एक क्लर्क की नौकरी मिल गई. उन्होंने पानी के जहाज का एक वन-वे टिकट बुक कराया और अकले ही केन्या चले गए. साल 1937 में दादी भी केन्या पहुंच गईं
इन दोनों के 6 बच्चे हुए, जिसमें तीन बेटे और तीन बेटियां थीं, इन्हीं में से एक थे यशवीर सुनक, जो ऋषि सुनक के पिता हैं. यशवीर सुनक का जन्म 1949 में नैरोबी में हुआ था. कुछ साल बाद राम दास, सुहाग रानी के साथ पूरा परिवार ब्रिटेन में बस गया. ऋषि सुनक के दादा राम दास भले ही भारत को छोड़ चुके थे, लेकिन उन्होंने इस देश से अपना रिश्ता पूरी तरह नहीं तोड़ा. सुनक परिवार आज भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है.
ऋषि सुनक की मां ऊषा सुनक और यशवीर सुनक ने 1977 में इंग्लैंड के लेस्टर शहर में शादी कर ली थी. खास बात ये है कि ऊषा सुनक के पिता यानी ऋषि सुनक के नाना भी भारत के पंजाब प्रांत से हैं.
1980 में हुआ था सुनक का जन्म
12 मई 1980 को ऋषि सुनक का जन्म साउथैम्प्टन जनरल हॉस्पिटल में हुआ. वे यशवीर और ऊषा सुनक की पहली संतान हैं. इसके बाद 1982 में ऋषि के छोटे भाई संजय सुनक का जन्म हुआ और आखिर में 1985 में इनकी छोटी बहन राखी सुनक का. बच्चों की हर जरूरत पूरी करने के लिए माता-पिता दिन रात मेहनत करते थे. ऋषि सुनक अपनी मां की दुकान में उनका हाथ बंटाते थे.
सुनक को बचपन से मंदिर जाना पसंद है
ऋषि सुनक का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था, इसलिए मंदिर जाने की आदत उन्हें बचपन से है. साउथैम्प्टन के हिंदू वेदिक सोसाइटी मंदिर से उन्हें बहुत लगाव है क्योंकि उनके दादा राम दास सुनक इस मंदिर के फाउंडिग मेंबर थे. ऋषि सुनक अभी भी अक्सर लंदन से साउथैम्प्टन खास तौर पर इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं. वो यहां सेवा के कामों में भी हिस्सा लेते हैं. यहां पर रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के बीच उठते-बैठते हैं. उनके साथ उनकी पत्नी और बेटियां भी आती है.
ब्रिटेन में उनकी संपत्ति को लेकर हुआ था विवाद
ब्रिटेन की राजनीति में तेजी से उभरे ऋषि थोड़ा विवादों से भी घिरे रहे. खास तौर पर उनकी संपत्ति को लेकर ब्रिटिश मीडिया में काफी हंगामा हुआ था. उनकी पत्नी अक्षता और उनकी संपत्ति करीब साढ़े सात सौ मिलियन पाउंड है, यानी करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये. इसमें से बड़ा हिस्सा अक्षता का है क्योंकि उनके पास इंफोसिस के शेयर हैं. ब्रिटेन में वो सबसे अमीर लोगों में से गिने जाते हैं. कहा जाता है उनकी संपत्ति ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा है. एलिजाबेथ की संपत्ति करीब पांच हजार करोड़ रुपये है.