राज्यपाल ने कुलपतियों को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए सोमवार सुबह 11.30 बजे तक का समय दिया था। उनमें से किसी ने भी इसका पालन नहीं किया।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नोटिस जारी किया, जिन्होंने उनके निर्देश के अनुसार आज पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट से पहले अपना त्याग पत्र भेजने से इनकार कर दिया था. इस बात का खुलासा खुद राज्यपाल ने किया, जो राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं.
खान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. अब औपचारिक नोटिस जारी किए गए हैं.” उन्होंने कहा कि नोटिस यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित ‘सर्च कमेटी’ की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को “अमान्य” घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप जारी किए गए हैं.
राज्यपाल ने कुलपतियों को जारी किया नोटिस
इस बात की जानकारी खुद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दी है, जो राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। आरिफ मोहम्मद खान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘अब, उन्होंने (कुलपतियों) इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। अब औपचारिक नोटिस जारी किए गए हैं।’
राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
राज्यपाल ने कहा कि नोटिस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए जारी किए गए हैं, जिसने यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित सर्च कमेटी की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को शून्य से शुरू घोषित किया है। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को जवाब देने के लिए तीन नवंबर तक का समय दिया गया है।
आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री के आरोपों को किया खारिज
आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आरोपों को भी खारिज किया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि कुलपतियों को निष्पक्ष न्याय से वंचित किया गया है। राज्यपाल ने अपने खिलाफ मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मैंने केवल एक सम्मानजनक रास्ता सुझाया। मैंने उन्हें बर्खास्त नहीं किया है।’
बता दें कि इससे पहले इस मामले को लेकर माकपा के महसचिव सीताराम येचुरी ने राज्यपाल पर आरोप लगाया था। माकपा नेता ने कहा था कि राज्य में उच्च शिक्षा का राजनीतिकरण हो रहा है।