गृह मंत्रालय ने एक गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) का लाइसेंस रद्द कर किया है। इस ट्रस्ट पर विदेशी फंडिंग कानून के कथित उल्लंघन का आरोप लगा है। जांच के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट लाइसेंस कैंसिल कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई विदेशी चंदे में कथित अनियमितताओं को लेकर की गई है.
सूत्रों के मुताबिक, आरजीएफ और आरजीसीटी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ की प्रमुख हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम इसके सदस्य हैं.
आरजीएफ की अध्यक्ष है सोनिया गांधी
अधिकारी ने कहा कि एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने की सूचना आरजीएफ के पदाधिकारियों को भेजी गई है। आरजीएफ ने इस मामले में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ की अध्यक्ष हैं। वहीं अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और संसद सदस्य राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम शामिल हैं।
साल 1991 में हुई थी स्थापना
आपको बता दे कि RGF की स्थापना साल 1991 में हुई थी। इस ट्रस्ट ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। 2010 में फाउंडेशन ने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया।
ट्रस्ट पर नियमें के उल्लंघन के आरोप
जुलाई 2020 में जांच के दायरे में आई, जब एमएचए ने गांधी परिवार की राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ), राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) की जांच के लिए एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी की अध्यक्षता में एक मंत्रालयी समिति का गठन किया। इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट] मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और FCRA के संभावित उल्लंघन किया है।
जेपी नड्डा ने भी लगाए थे गंभीर आरोप
बीजेपी के प्रमुख जेपी नड्डा ने जून 2020 में लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने की लड़ाई के बीच आरोप लगाया कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने 2005 और 2009 के बीच आरजीएफ को धन दिया जो राष्ट्रीय हित में नहीं थे। नड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री राहत कोष को गांधी परिवार के ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया और आरजीएफ को भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी से भी धन प्राप्त हुआ।