सभी जिलों के जिलाधिकारी इस अपने अपने जिले के सर्वे रिपोर्ट को 15 नवंबर 2022 तक सौंपेंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 16 हजार से अधिक मदरसे हैं.

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम अब पूरा हो चुका है. सर्वे के मुताबिक राज्य में करीब 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे अलग अलग जिलों में संचालित किए जा रहे हैं. सभी जिलों के जिलाधिकारी इस अपने अपने जिले के सर्वे रिपोर्ट को 15 नवंबर 2022 तक सौंपेंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 16 हजार से अधिक मदरसे हैं. इन मदरसों के सर्वे के काम अलग अलग जिलों में अल्पसंख्या कल्याण अधिकारी और एसडीएम के नेतृत्व में हो रहा है.
बता दें कि बीते दिनों राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मदरसों की शिक्षा की गुणवता को बेहतरा बनाने को लेकर बयान जारी किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में गलत तरीके से मदरसे संचालित किए जा रहे हैं जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. ब्रजेश पाठक ने कहा कि कई शिकायतें मिली जहां कई मदरसों में देशविरोधी काम चल रहे थे. राज्य में जो मदरसे अच्छा काम करेंगे उन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा.
15 नवंबर तक मिलेगी रिपोर्ट
यूपी मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष आईए जावेद ने बताया कि राज्य में 7500 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान की गई है. इस बाबत सर्वे रिपोर्ट 15 नवंबर तक मिल जाएगी. बच्चों को अच्छी और बेहतर शिक्षा देने के इरादे से इस सर्वे को आयोजित किया गया.
मदरसों की जुटाई जानकारी
सर्वे के दौरान मदरसों की जानकारी जुटाई गई जिसमें मदरसों में पेयजल, बिजली की सुविधा, मकान की स्थित इत्यादि चीजों का सर्वे की टीम ने जायजा लिया. वहीं मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या की जानकारी जुटाई गई. बता दें कि इस सर्वे में मदरसे का नाम, उसे संचालित करने वाले व्यक्ति का नाम और कब से पढ़ाई हो रही है इन सब चीजों की जानकारी इकट्ठी की गई है.
मुरादाबाद में मिले सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
यह सर्वे असली नकली का नहीं बल्कि शिक्षा और शिक्षा के केंद्र की उनकी संख्या, उनकी व्यवस्था आदि की सही जानकारी प्राप्त करना है। चेयरमैन ने बताया कि सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं।