पीएम मोदी ने कहा, ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर की दो डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) समेत कुल 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) वित्तीय समावेश का विस्तार करेंगी, नागरिकों के बैंकिग अनुभवों को बेहतर बनाएंगी. उन्होंने कहा कि आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है. हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. हमारा संकल्प व्यवस्थाओं में सुधार और पारदिर्शता लाने का है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य भारत के सामान्य मानवी को सशक्त करना है उसको ताकतवर बनाना है. इसलिए हमने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली.
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा, ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी। भारत के सामान्य मानवी को सशक्त करना है, उसे मजबूत बनाना है इसलिए हमने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली है। भाजपा सरकार ने दो चीजों पर एक साथ काम किया है। 1- बैंकिग व्यवस्था को सुधारना, मजबूत करना, पारदर्शिता लाना। 2- वित्तीय समावेशन किया। हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है।
आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है। हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।