बिहार के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव गुरुवार को देर शाम अचानक एनएमसीएच पहुंच गए। अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिले और अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

बिहार की राजधानी पटना में 2500 से अधिक डेंगू के मरीजों के सामने आने के बाद कल राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव रात को अचानक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने वार्डों का स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया. उन्होंने डेंगू वार्ड का दौरा कर भर्ती मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक लिया. इस दौरान मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल में बदइंतजामी की खुलकर शिकायत की.
निरीक्षण के दौरान डेंगू वार्ड में सामान्य मरीज भी भर्ती पाए गए. दूसरे वार्डों में मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी और कमियों के बारे में बताया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि साफ-सफाई के मोर्चे पर सुधार हुआ है, लेकिन दवाओं की उपलब्धता होने के बावजूद भी मरीजों को दवा नहीं मिलना, बाहर से दवा लाना एवं डॉक्टर-नर्स के गैर-गंभीर व्यवहार एवं चिकित्सा में लापरवाही की शिकायत मिली है, जिसमें सुधार की गुंजाइश है.
मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा
तेजस्वी यादव स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव प्रत्यय अमृत के साथ औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसके बाद तेजस्वी यादव बोले कि जो भी समस्या है उसका समाधान किया जाएगा. हम जब तक जमीन पर नहीं उतरेंगे तब तक जमीनी स्थिति नहीं पता चलेगी. पहले ही कहा था कि अस्पताल में मरीजों को तमाम तरह की सुविधा मुहैया कराई जाए. स्वास्थ्य कर्मियों को तमाम निर्देश भी दिए गए थे.
इसके बावजूद अभी अस्पताल में बहुत सी समस्याओं का पता चला. उन्होंने कहा कि अस्पताल में ड्यूटी के दौरान मरीजों के साथ डॉक्टर और नर्स द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा. नर्सों को कोई नहीं देख रहा. यहां दवा की सबसे बड़ी समस्या है. दवा लोगों को बाहर से लानी पड़ रही. हालांकि इस मामले में डॉ को तमाम निर्देश दिए गए हैं. जो भी गलत पाया जाएगा उनके खिलाफ जांच होगी.
विभाग के अधिकारियों को दिए थे दिशा-निर्देश
बता दें कि सरकारी अस्पतालों की विशेष व्यवस्था का वह लातार जायजा लेते रहते. वहीं गुरुवार को डेंगू की रोकथाम के लिए तेजस्वी ने समीक्षा बैठक की थी. सोशल मीडिया पर ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी. लिखा था कि विभाग के अधिकारियों को तमाम दिशा-निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नगर विकास एवं आवास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन, एन्टी लार्वा फॉगिंग तथा जांच कर निरंतर इलाज किया जा रहा है. अस्पतालों में जांच और बेड की संख्या बढ़ाई गई है.