केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री केसीआर ने तांत्रिकों और ज्योतिषियों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया और कई वर्षों तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया. अब तांत्रिकों की सलाह पर पार्टी का नाम बदलकर बीटीएस कर दिया है.’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पर निशाना साधते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने तांत्रिक और अंकशास्त्र के जानकारों की सलाह पर न केवल राज्य सचिवालय जाना बंद कर दिया है, बल्कि लंबे समय तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल भी नहीं किया.
रिपोर्ट के मुताबिक निर्मला सीतारमण ने बातचीत में कहा, ‘मुख्यमंत्री केसीआर ने तांत्रिकों और ज्योतिषियों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया और कई वर्षों तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया. अब तांत्रिकों की सलाह पर पार्टी का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया है.’
केंद्रीय वित्तमंत्री ने केसीआर पर तेलंगाना के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘तेलंगाना और तेलुगु भाषी लोगों को निराश करने और धोखा देने के बाद उन्होंने अब बीआरएस को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में लॉन्च किया है. इस नई पार्टी का भी विफल होना तय है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि तेलंगाना की भावना को साकार करने के लिए टीआरएस का गठन किया गया था, लेकिन केसीआर इसमें विफल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘उस समय यह कहा गया था कि तेलंगाना राज्य की महत्वाकांक्षा के लिए धन, जल और नियुक्तियां (नौकरियां) प्राथमिकताएं हैं. यह भी कहा गया था कि यहां सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण होगा, लेकिन 2014 से 2018 तक चार साल के दौरान टीआरएस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं थी. टीआरएस के दोबारा चुने जाने के बाद भी लगभग एक साल तक कोई महिला मंत्री नहीं थी. जाहिर है, कुछ तांत्रिकों की सलाह पर महिलाओं को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया था.’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘तेलंगाना का जब 2014 में गठन किया गया था, तब वह रेवेन्यू सरप्लस राज्य था. आज तेलंगाना पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें ऋण-से-जीडीपी अनुपात लगभग 25 प्रतिशत है.
वहीं विवादास्पद कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस परियोजना को 40,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पूरा किया जाना था, लेकिन अब यह एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और इसके पीछे के कारणों पर उचित स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया.
सीतारमण ने साथ ही नौकरियों के वादे पर भी टीआरएस सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया और लोगों को धोखा दिया. उन्होंने कहा, ‘धन, जल और नौकरियों के तीनों मोर्चों पर टीआरएस सरकार पूरी तरह से विफल रही है.’