देश में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति बैठक के बाद रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। दुनिया भर में महंगाई के लगातार बढ़ने के कारण रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया. RBI गवर्नर के अनुसार मौद्रिक नीति समिति ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया, रेपो दर अब 5.90 प्रतिशत हो गई है. उन्होंने कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नये ‘तूफान’ का सामना कर रहे हैं. रेपो रेट के ऐलान के साथ लोन की दरों में बढ़ोतरी हो जाएगी बल्कि लोगों पर EMI का बोझ भी बढ़ जाएगा.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज अपनी बैठक मेंचलनिधि समायोजन सुविधा के तहत पॉलिसी रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि मई में रेपो दर में 40 बेसिस पॉइंट्स की अप्रत्याशित वृद्धि के बाद जून और अगस्त महीने में आरबीआइ ने 50 -50 आधार अंकों की वृद्धि की है। इस तरह देखें तो यह RBI द्वारा की गई लगातर चौथी वृद्धि है।
मई 2022 से अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 190 बेसिस प्वाइंट (1.90 फीसदी) की बढ़ोतरी कर चुका है। आरबीआइ द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी।
आरबीआइ गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों में बढ़ोतरी का एलान करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इस फैसले के बाद अब रेपो रेट 5.40 फीसद से बढ़कर 5.90 फीसद हो गया है।
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि दुनिया के कई देश दरों में तेज बढ़ोतरी कर रहे हैं। एक के बाद एक हो रही बढ़ोतरी खतरनाक रूप लेती जा रही है। इससे इकोनॉमी के स्लो होने का डर बना हुआ है। लेकिन महंगाई अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। बांड, इक्विटी कर करेंसी सभी आजकल दबाव में हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की GDP ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर है। FY23 Q2 में GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है। अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि कोर महंगाई दर ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान है। मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है और निवेश में तेजी देखने को मिल रही है। FY23 की दूसरी छमाही में मांग बेहतर रहेगी।
दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों ने की है बढ़ोतरी
दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों की बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई ने मई में नीतिगत दरें बढ़ाना शुरू किया था। भारत में खुदरा महंगाई दर अगस्त में भी भारतीय रिजर्व बैंक के 6 प्रतिशत के ऊपरी टॉलरेंस बैंड से अधिक चल रही है। देश की खुदरा मुद्रास्फीति उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) तीन महीने के डाउनट्रेंड से बाहर निकल गई और अगस्त के महीने में 7.00 प्रतिशत रही। जुलाई में यह 6.71 थी।
बढ़ेगी लोन और ईएमआई की टेंशन, एफडी वालों की बल्ले-बल्ले
रेपो रेट में वृद्धि होने से आने वाले दिनों में होम लोन, ऑटो लोन व दूसरे बैंकिंग लोन और भी महंगे हो जाएंगे। जब भी आरबीआइ रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंक ताबड़तोड़ अपनी ब्याज दरों में इजाफा करने लगते हैं। ब्याज दरों में आज हुई 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद बैंकों की तरफ से कर्ज की दरों को और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि एफडी में निवेश करने वाले लोगों को बढ़ी ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है।