शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत-उपवास किया जाता है और माता रानी की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योति भी जलाई जाती है. ऐसे में अखंड ज्योति से जुड़े वास्तु का खास ख्याल रखना चाहिए.

हिन्दू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है। जो इस बार 26 सितंबर से शुरू हो गया है और 5 को खत्म होगा. इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योति जलाई जाती है, जो 9 दिनों तक लगातार जलती रहती है। लेकिन वास्तु के अनुसार अखंड ज्योति को जलाते समय सही दिशा का होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति के लिए क्या है सही दिशा?
इस दिशा में रखें अखंड ज्योति
नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति भी जलाई जाती है और यह ज्योति 9 दिनों तक लगातार जलती रहती है. लेकिन वास्तु के अनुसार अखंड ज्योति रखने के लिए सही दिशा का होना सबसे जरूरी है. क्योंकि गलत दिशा में रखी गई अखंड ज्योति आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकती है. वास्तु के अनुसार अखंड ज्योति की स्थापना के लिए आग्नेय कोण यानि दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है. इस दिशा में अखंड ज्योति रखने से जातक को शुभ लाभ होते हैं और मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. साथ ही इससे शत्रुओं का नाश भी होता है.
अखंड ज्योति से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
अखंड ज्योति जलाने से घर में सुख-समृद्धि होती है और वातावरण सकारात्मक होता है. घर में मौजूद नकारात्मकता का भी नाश होता है. कहते हैं कि पूजा संबंधी सभी सामग्रियां भी पूजा कक्ष के दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखनी चाहिए. ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अगर घर में नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी ज्योति को अकेला छोड़कर बाहर न जाएं. यानि घर में कोई न कोई व्यक्ति हमेशा रहना चाहिए.