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ओवैसी ने PFI पर लगे बैन का किया विरोध,बोले- कुछ लोगों की गलतियों के लिए संगठन को प्रतिबंधित करना उचित नहीं

ओवैसी ने कहा, ‘मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है, लेकिन पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है.’

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और उससे जुड़े कई संगठनों को भारत सरकार ने 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. केंद्र ने राज्‍यों को भी इस संगठन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. PFI के खिलाफ यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत किया गया है. साथ ही संगठन के खिलाफ संगीन आरोप भी लगाए गए हैं. अब पीएफआई पर लगे प्रतिबंध के विरोध में भी सुर उठने लगे हैं. हैदराबाद से सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र के इस कदम का विरोध किया है. उन्‍होंने ताबड़तोड़ कई ट्वीट करते हुए कहा कि मैं हमेशा से ही पीएफआई के तौर-तरीकों का विरोध करता रहा हूं और लोकतांत्रिक तरीकों का समर्थन किया है. उन्‍होंने आगे लिखा कि लेकिन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन नहीं किया जा सकता है. उन्‍होंने कहा कि इस तरह का बैन वैसे मुसलमानों पर प्रतिबंध है जो अपने मन की बात कहना चाहते हैं.

ओवैसी ने पीएफआई पर लगाए प्रत‍िबंध के खिलाफ कई ट्वीट किए हैं. उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, ‘कुछ लोगों द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का मतलब यह नहीं है कि पूरे संगठन को ही प्रतिबंधित कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट भी अपने फैसले में कह चुका है कि किसी संगठन से सिर्फ जुड़ाव होना किसी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्‍त नहीं है.’ उन्‍होंने आगे लिखा, ‘इस तरह निरंकुशता के साथ प्रतिबंध लगाना खतरनाक है, क्‍योंकि यह वैसे मुस्लिमों को प्रतिबंधित करना है जो अपने मन की बात कहना चाहते हैं. जिस निरंकुश तरीके से भारत की चुनी हुई सरकार काम कर रही है, उस तर्ज पर तो इस काले कानून के तहत पीएफआई का पर्चा रखने वाला हर मुसलमान युवक गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’

UAPA की आलोचना

असदुद्दीन ओवैसी ने UAPA की भी कड़ी आलोचना की है. उन्‍होंने कहा, ‘कोर्ट द्वारा रिहा किए जाने से पहले मुस्लिमों को दशकों तक जेल में रहना पड़ता है. मैंने UAPA का विरोध किया था. इस कानून के तहत की जाने वाली हर कार्रवाई का विरोध करता रहूंगा. यह स्‍वतंत्रता के सिद्धांत के खिलाफ है. आजादी हमारे संविधान मूल आधार है. हमें यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने यूएपीए को कठोर बनाया था और भाजपा ने इसमें संशोधन कर इसे और भयावह व निरंकुश बना दिया. कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया.’ साथ ही ओवैसी ने कहा कि पीएफआई को तो प्रतिबंधित कर दिया गया, लेकिन ख्‍वाजा अजमेरी धमाकों के दोषियों से जुड़े संगठनों को क्‍यों नहीं प्रतिबंधित किया गया?

RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग

राजद और जदयू ने पीएफआई के साथ ही आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पीएफआई के साथ-साथ आरएसएस पर पहले प्रतिबंध लगे. इसके बाद इन जैसे अन्य संगठनों पर भी बैन लगाया जाए. लालू यादव ने राजद अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुस्लिमों के साथ गलत हो रहा है. उन्‍होंने आगे कहा कि पीएफआई के साथ आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए. लालू यादव ने बताया कि संघ पर सबसे पहले लौह पुरुष सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगाया था.

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Pooja Pandey

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