राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इससे पहले 22 सितंबर को विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की राज्य सरकार की योजना को खारिज कर दिया था.

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भारी हंगामे के बाद मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की ओर से विश्वास मत पेश किया। इससे पहले वह यह प्रस्ताव पेश करने खड़े हुए तो इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। हंंगामे के कारण कांग्रेस के विधायकों को स्पीकर ने नेम कर सदस्य से निकाल दिया। इसके बाद सीएम ने प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंंने विपक्ष खासकर भाजपा व कांग्रेस पर जमकर हमले किए।
दूसरी ओर, पंजाब विधानसभा से स्पीकर द्वारा निकाले जाने के बाद कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा की पार्किंग में शेडो विधानसभा लगाया। इसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंंह राजा वडिंंग सहित कांग्रेस के सभी विधायक भाग ले रहे हैं।
सीएम और राज्यपाल के बीच विवाद
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इससे पहले 22 सितंबर को विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की राज्य सरकार की योजना को खारिज कर दिया था. आप सरकार ने पहले कहा था कि 27 सितंबर के प्रस्तावित सत्र का इस्तेमाल पराली जलाने और बिजली क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा के लिए किया जाएगा. आप सरकार को 117 सदस्यीय सदन में 92 विधायकों के साथ भारी बहुमत प्राप्त है, लेकिन आप ने आरोप लगाया था कि केंद्र में भाजपा और उसकी सरकार ने तथाकथित ‘ऑपरेशन लोटस’ के माध्यम से राज्य में सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस पर भड़के सीएम मान
मंत्री अमन अरोड़ा ने आज कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि पंजाब के तीन करोड़ लोगों को बताया जाए कि उन्होंने हमें जो जनादेश दिया है, उसके लिए कोई खतरा नहीं है. आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने आप के कई विधायकों को 25-25 करोड़ की पेशकश की है और उन्हें पक्ष बदलने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की है. पार्टी ने यह भी दावा किया है कि उसके पास इन एक्सचेंजों के ऑडियो-वीडियो सबूत हैं, जो पुलिस को सौंपे गए हैं. आप के आरोप के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा था कि आप के नेताओं को हम 25 रूपये न दें. ये आरोप बेबुनियाद हैं.