राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद सीएम बदलने की बात होगी। 102 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। वहीं गहलोत के सलाहकार ने कहा कि तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।

राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रविवार को कहा कि सीएम अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद सीएम बदलने की बात होगी। 102 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और गहलोत इसका फैसला करेंगे। इस बीच, सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि अगर विधायकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला नहीं लिया गया तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।
सीएम गहलोत के वफादार मंत्री पीएस खाचरियावास ने कहा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरकर लड़ना पड़ेगा। भाजपा अगर एजेंसी भेजेगी तो एजेंसी का जवाब देंगे. कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता और विधायक लड़ेगा. लेकिन अगर विधायक भाजपा की साजिश के खिलाफ सरकार बचाना चाहते हैं तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए.
गहलोत हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी
खाचरियावास ने कहा कि सरकार नहीं गिरी है। हमारे परिवार के मुखिया (अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी। लोकतंत्र संख्या बल से चलता है। राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा। 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं। 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं। पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं। सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं। हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं। विधायक इस बात से खफा हैं कि अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं।
गुढ़ा ने धालीवाल के घर बैठक में जाने से किया इनकार
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, शांति धालीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक पर कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि अगर सभी 101 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए तो क्या सरकार बहुमत नहीं खोएगी। मैं इस बैठक में शामिल नहीं हो रहा हूं। मेरे घर पर विधायक हैं।
तो पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव जीतने में होगी परेशानी
एक अन्य नेता गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि गहलोत मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर गहलोत मुख्यमंत्री नहीं बने रहते हैं, तो पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव जीतने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।