मंदिर बनाने वाले के चाचा ने ही जमीन पर अवैध कब्जा कर मंदिर बनाने का आरोप लगाया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल पूछा है कि भूमाफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री खुद कार्रवाई करेंगे या फिर इसके लिए दिल्ली से दस्ता आएगा.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर विवादों में आ गया है. एक तरफ मंदिर बनाने वाले के चाचा ने ही जमीन पर अवैध कब्जा कर मंदिर बनाने का आरोप लगाया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल पूछा है कि भूमाफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री खुद कार्रवाई करेंगे या फिर इसके लिए दिल्ली से दस्ता आएगा. अखिलेश यादव ने एक सप्ताह के अंदर ही लगातार दूसरी बार यह मुद्दा उठाया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक अवैध तरीके से जमीन कब्जाकर उनका मंदिर बना रहे हैं.
बता दें कि अयोध्या में रहने वाले प्रभाकर मौर्य नामक व्यक्ति ने खुद को योगी आदित्यनाथ का समर्थक होने का दावा किया है. उसने मुख्यमंत्री का मंदिर बनाकर सुबह शाम पूजा भी शुरू कर दी है. मंदिर में योगी की प्रतिमा को भगवान राम के रूप में दर्शाया गया है. उधर, प्रभाकर के चाचा रामनाथ मौर्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रभाकर द्वारा जमीन पर अवैध कब्जा कर मंदिर बनाने का आरोप लगाया. कहा कि सरकारी बंजर भूमि पर प्रभाकर ने कब्जा किया है. वहीं प्रशासन द्वारा किसी तरह की कार्रवाई से बचने के लिए उसने मुख्यमंत्री का मंदिर बनवाया है. रामनाथ मौर्य ने 21 सितंबर को मुख्यमंत्री के नाम चिट्ठी लिखी थी. अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसी चिट्ठी को आधार बनाकर सीएम योगी पर हमला किया है.
इस मंदिर को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लगातार दो ट्वीट के बाद भी अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यहां तक कि अभी तक अयोध्या प्रशासन ने भी कोई जवाब नहीं दिया है. उधर, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री का यह ट्वीट उनके समर्थकों के अलावा अन्य तमाम लोगों द्वारा खूब शेयर किया जा रहा है.