अमेरिका में बान्ड यील्ड कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने और यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के एलान के बाद से डॉलर में मजबूती देखी जा रही है. वहीं, डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में कमजोरी आई है. डॉलर के मुकाबले रुपया आज रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है.

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड कई साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. आयात मांग बढ़ने से आयातक डॉलर की मांग ज्यादा कर रहे हैं, जिससे भारतीय रुपया आज शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 41 पैसे गिरकर 81.20 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया.
कारोबारियों का कहना है कि गुरुवार को, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आक्रामक हस्तक्षेप की कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व दर के दृष्टिकोण के कारण, रुपये को फरवरी के बाद से एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है.
10 साल के अमेरिकी ट्रेजरी की यील्ड रातोंरात 3.70% से ऊपर चढ़ गई और दो साल की यील्ड 4.16% के उच्च स्तर पर पहुंच गई.
फेड बैठक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद वैश्विक स्तर पर विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के रूप में परिस्थितियां बदल गई हैं.
एस एंड पी 500 इंडेक्स दो महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिरने के साथ, यू.एस. इक्विटी रातोंरात गिरावट आई. और भारतीय बेंचमार्क गेज सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 600 अंक गिर गया.
जानकारों को आगे भी डॉलर के मुकाबले रुपये में और कमजोरी की संभावना दिख रही है. आरबीआई के हस्तेक्षप नहीं करने से रुपया अल्पावधि में नए निम्न स्तर का परीक्षण करने जा रहा है और आशंका है कि मुद्रा निकट अवधि में 81.80 और 82.00 के स्तर तक कमजोर हो सकती है.