दिल्ली के कई हिस्सों में बुधवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, यहां जानें आने वाले दो-तीन दिनों में कैसा रहेगा राष्ट्रीय राजधानी का मौसम?

सितंबर के अंत में दिल्ली और आसपास के इलाकों में अचानक से हुई तेज और असामानय बारिश की चौंकाने वाली वजह सामने आई है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 36 घंटों तक बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने जो जानकारी दी है वो हैरान करने वाली है. विभाग के मुताबिक अचानक से इतनी तेज बारिश दो मौसम प्रणालियों की एक दुर्लभ टकराहट का परिणाम है – एक पश्चिमी विक्षोभ और तो दूसरा एक कम दबाव वाली प्रणाली, दोनों की टकराहट की वजह से ये बारिश का कहर देखने को मिला है. दिल्ली के 250 किमी दक्षिण-पश्चिम में ये मौसम प्रणालियां एक दूसरे से टकराई हैं जिसकी वजह से मानसून की वापसी अब लम्बा खींच सकती है.
दो दिनों की बारिश से बेहाल है दिल्ली
मौसम की इन दुर्लभ परिस्थितियों के कारण, पिछले कुछ दिनों में शहर में व्यापक और लगभग निरंतर वर्षा के साथ इस वर्ष मानसून के अंतिम चरण में बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दिल्ली में बुधवार को5.6 मिमी और गुरुवार शाम 5.30 बजे तक 31.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. दिल्ली में मानसून की पूर्ण वापसी, जो 25 सितंबर के लिए निर्धारित थी, अब इसमें देरी होने की उम्मीद है.
दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 85.5 मिमी हुई बारिश
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है. रिज रोड मौसम केंद्र में मंगलवार को 88.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 85.5 मिमी बारिश हुई. आईएमडी ने कहा कि बुधवार और बृहस्पतिवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं.
दिल्ली के प्राथमिक मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला में सितंबर में अब तक केवल 52.9 मिमी बारिश दर्ज की गयी है जो कि सामान्य 104.8 मिमी के मुकाबले काफी कम है. अगस्त के महीने में 41.6 मिमी बारिश दर्ज की गयी थी जो पिछले 14 वर्षों के दौरान सबसे कम है.
दिल्ली में एक जून से मानसून के आगमन के बाद से अब तक कुल 405.3 मिमी बारिश दर्ज की गयी है जबकि सामान्य तौर पर राजधानी में इस दौरान 621.7 मिमी बारिश दर्ज की जाती है. आईएमडी ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 17 सितंबर की सामान्य तारीख के तीन दिन बाद दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे कच्छ के कुछ हिस्सों से वापस लौट गया है. आमतौर पर मानसून के दिल्ली से वापस लौटने के लिए पश्चिमी राजस्थान से इसकी वापसी के बाद लगभग एक सप्ताह का समय लगता है.