सरकार का प्रस्ताव है कि कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं देने वाले ऐप्स को भी लाइसेंस लेना पड़ सकता है. इसके लिए दूसरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे में ओटीटी को दूससंचार सेवा के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है.

फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ऐप्स को भी टेलिकॉम बिल के तहत शामिल किया जाएगा. इसकी जानकारी खुद नए टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. इतना ही नहीं इसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी शामिल किया जाएगा, जिन्हें कई बार उन पर परोसे जाने वाले कंटेंट को लेकर चेताया जा चुका है.वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर समेत कई ऐप्स इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा के लिए जाने जाते हैं. इसी तरह की सेवा टेलीकॉम कंपनियां देती हैं, जिन्हें भारत सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है.
सरकार का प्रस्ताव है कि कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं देने वाले ऐप्स को भी लाइसेंस लेना पड़ सकता है. इसके लिए दूसरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे में ओटीटी को दूससंचार सेवा के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है. बुधवार को जारी विधेयक के मसौदे के अनुसार, दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क को लेकर संबंधित कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा.
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है भारतीय दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे पर आपके विचार चाहिए. उन्होंने विधेयक के मसौदे का लिंक भी शेयर किया. विधेयक के मसौदे के अनुसार, केंद्र सरकार दूरसंचार नियमों के तहत किसी भी लाइसेंस होल्डर या पंजीकृत संस्था के लिए आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से किसी भी शुल्क को माफ कर सकती है. इसमें प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, पंजीकरण शुल्क या कोई अन्य शुल्क या ब्याज, अतिरिक्त शुल्क और जुर्माना शामिल किया गया है.
वॉट्सऐप में भी है वॉयस कॉलिंग फीचर्स
वॉट्सऐप की मदद से भी वॉयस कॉल की जा सकती है, जिसे वाल्ट टेक्नोलॉजी पर इस्तेमाल किया जाता है. इस कॉलिंग के लिए सिम नहीं बल्कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत होती है. गौर करने वाली बात यह है कि अगर आपकी सिम काम नहीं भी करती है, तब भी इसको इस्तेमाल किया जा सकता है. प्राइवेसी को लेकर कंपनी का दावा है कि यह एंड टू एंड इनक्रिप्शन पर काम करता है.