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यूक्रेन युद्ध को बढ़ाने के लिए पुतिन दी टेलीविजन चेतावनी,कहा-हल्के में ना लें, खतरा मंडराया तो एटमी हमला भी कर देंगे

पुतिन ने कहा कि न्यूक्लियर अटैक की चेतावनी को किसी भी सूरत में हल्के में न लिया जाए. एटमी चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है. अगर रूस पर किसी तरह का खतरा आया तो न्यूक्लियर हमला करेंगे.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब सातवें महीने में प्रवेश करने जा रही है, और इस जंग के जल्द खत्म होने के कोई आसार भी नहीं दिख रहे हैं. युद्ध की तनातनी के बीच राष्ट्र के नाम अपने एक दुर्लभ संबोधन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज बुधवार को अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए ऐलान किया कि कोई भी न्यूक्लियर अटैक की चेतावनी को हल्के में ना ले. उन्होंने यह भी कहा कि एटमी चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है. रूस पर खतरा मंडराया तो एटमी हमला भी कर देंगे.

यूरोप में दो देशों के बीच जारी युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन की ओर से अमेरिका और यूरोप को बड़ी धमकी दी गई है. पुतिन ने कहा कि न्यूक्लियर अटैक की चेतावनी को किसी भी सूरत में हल्के में न लिया जाए. एटमी चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है. अगर रूस पर किसी तरह का खतरा आया तो न्यूक्लियर हमला करेंगे. अमेरिका को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास NATO से भी एडवांस्ड हथियार उपलब्ध हैं.

जनमत संग्रह की तैयारी में रूस

पुतिन ने कहा कि अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा किया गया तो मॉस्को जबावी प्रतिक्रिया स्वरूप हर संभव कदम उठाएगा. साथ ही अधिकारियों ने कहा कि 300,000 जवानों की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है.

इस बीच यूक्रेन को लेकर रूस भी जनमत संग्रह कराने की तैयारी में है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आज बुधवार को देश को संबोधित किया. यह संबोधन यूक्रेन में रूसी हमले के बाद पुतिन का राष्ट्र के नाम पहला संबोधन था. पुतिन ने अपने संबोधन के दौरान यूक्रेन में सेना के मौजूदा हालात और वहां के स्थिति के बारे में देश की जनता को रूबरू कराया.

जनमत संग्रह की योजना दिखावाः अमेरिका

दूसरी ओर, अमेरिका ने रूस के कब्जे वाले पूर्वी और दक्षिणी यू्क्रेन के हिस्से को रूस में मिलाने के लिए जनमत संग्रह कराने की मास्को की योजना को “दिखावा” करार दिया तथा इसे “संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत का अपमान” बताया है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कल मंगलवार को दावा किया कि “जनमत संग्रह में हेर-फेर किया जाएगा.” साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के किसी भी हिस्से पर रूस के कथित कब्जे के दावे को मान्यता नहीं देगा.

सुलिवन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “यह जनमत संग्रह संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के उन सिद्धांतों का अपमान है जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का आधार हैं.” उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि जनमत संग्रह में हेर-फेर की जाएगी. रूस इन दिखावटी जनमत संग्रहों का उन क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए या तो अभी या बाद में इस्तेमाल करेगा.”

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Pooja Pandey

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