रामायण और बौद्ध सर्किट की तरह अंबेडकर सर्किट पर भी स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी. जिससे पर्यटन सर्किट को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए 3,000 विशेष रेलवे कोच आरक्षित किए गए हैं.

देश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार बजट सत्र में नेशनल टूरिज्म पॉलिसी लाई जाएगी। इसमें भारत में टूरिज्म के हर पहलू पर गहन-चिंतन मंथन के साथ जोड़े गए पहलुओं पर धरातल स्तर पर काम किया जाएगा। यह खुलासा धर्मशाला में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने किया। श्री रेड्डी ने साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि टूरिज्म-इन्फास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए पीपीपी मोड़ में कार्य करने की योजना बनाई गई है। वहीं, अब 20 देशों में एंबेंसी से भारत का टूरिज्म प्रचारित करने पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही देश में एयरपोर्ट, रेलवे, सडक़ों संग अन्य विकास से टूरिज्म को विकसित किए जाने की नई ईबारत लिखी जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कोविड कि कारण अढ़ाई साल तक टूरिज्म इंडस्ट्री ड्राई रही। अभी भी विदेशी पर्यटक आना शुरू नहीं हुए, लेकिन डोमेस्टिक टूरिज्म में देश आगे बढ़ा है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राज्य के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन से पूर्व मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने बताया कि नेशनल टूरिज्म पॉलिसी बजट सत्र से पूर्व घोषित कर दी जाएगी. इसका पूरा मसौदा तैयार हो गया है. मसौदा तय करने से पूर्व सभी स्टॉक होल्डर और संबंधित मंत्रालय से विचार विमर्श किया गया है. नेशनल टूरिज्म पॉलिसी के तहत इको टूरिज्म, होम स्टे, वाइल्ड लाइफ, वेलनेस, आयुर्वेद व मेडिकल वैल्यू टूरिज्म आदि को बढ़ावा दिया जाएगा.
जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन पर ध्यान दे रही सरकार
रेड्डी ने कहा कि सरकार जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है और राष्ट्रीय पर्यटन नीति इन क्षेत्रों के लिए खाका तैयार करेगी. अगले बजट सत्र से पहले बाहर हो जाएगी. नई नीति के अनुसार अगले दशक में हरित पर्यटन और डिजिटल पर्यटन सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्र होंगे. नीति दस्तावेज में उन कारकों की भी पहचान की गई है जो देश में पर्यटन क्षेत्र के विकास में बाधा डालते हैं, जिसमें “सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित धारणाएं” और केंद्र और राज्यों के बीच कमजोर जुड़ाव शामिल हैं.
वहीं पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इन मुद्दों के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. इसके साथ ही इस बात पर भी विचार-विमर्श किया गया कि कोविड -19 महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र ने कैसे प्रभावित किया है और पूर्व-महामारी के स्तर पर वापस आने के लिए क्या कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. घरेलू पर्यटन के मामले में हिमालयी राज्य महामारी के बाद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
नए हवाई अड्डों का होगा निर्माण
बता दें कि रेड्डी उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री भी हैं, उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर में 99 प्रतिशत विद्रोही समूहों ने हथियार छोड़ दिए थे और अब पर्यटन और निवेश को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने का सही समय है. सरकार इस क्षेत्र में कई नए हवाई अड्डों के निर्माण पर काम करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में अभी 140 हवाईअड्डे हैं, लेकिन 2025 तक हम इसे 224 तक ले जाने की योजना बना रहे हैं.
160 देशों के नागरिकों के लिए बढ़ा दी गई ई-वीजा सुविधा
विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने पिछले साल पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर 5 लाख मुफ्त ई-वीजा की घोषणा की थी. हालांकि, रेड्डी ने कहा कि यह सीमा अभी समाप्त नहीं हुई है क्योंकि इस साल की शुरुआत में ओमीक्रोन लहर के मद्देनजर विदेशी पर्यटकों का आगमन प्रभावित हुआ था. ई-वीजा सुविधा अब 160 देशों के नागरिकों के लिए बढ़ा दी गई है.