शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय दी। इसके अलावा, शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की आवक भी बाजार को प्रभावित करेगी।

शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय दी। इसके अलावा, शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की आवक और कच्चे तेल के रुझान से भी प्रमुख शेयर सूचकांक प्रभावित होंगे।
बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर पर फैसले का करेगा ऐलान
कारोबारियों की नजर अब अमेरिकी संघीय मुक्त बाजार समिति (एफओएमसी) की आने वाली बैठक के नतीजे पर है. मीणा ने कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर पर फैसले की घोषणा करेगा. उन्होंने आगे कहा कि संस्थागत निवेशक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, क्योंकि विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार में विक्रेता बन गए हैं.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि किसी भी प्रमुख घरेलू डेटा और घटनाओं के अभाव में, प्रतिभागियों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर होगी. इसके अलावा विदेशी आवक पर भी उनकी नजर रहेगी. पिछले हफ्ते सेंसेक्स 952.35 अंक यानी 1.59 फीसदी टूटा है, जबकि निफ्टी 302.50 अंक यानी 1.69 फीसदी टूटा. सेंसेक्स शुक्रवार को 1,093.22 अंक या 1.82 फीसदी की गिरावट के साथ 58,840.79 पर बंद हुआ था.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के बावजूद घरेलू बाजार में बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक की बढ़ती प्रवृत्ति की वजह से शेयर बाजारों में गिरावट हुई है.
आपको बता दें कि विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है.