सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार कियासीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार किया है.

सीबीआई ने सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाला मामवे में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सीबीआई ने बताया कि कल्याणमय गांगुली को कोलकाता स्थित दफ्तर में तलब किया गया था. इस दौरान उन्होंने पूछताछ के वक्त सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इस घोटाले में नाम सामने आने के बाद कल्याणमय गांगुली को पद से हटा दिया गया था. अधिकारियों ने जानकारी दी कि बीते 20 मई को सीबीआई ने गांगुली सहित 5 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचकर पश्चिम बंगाल के अलग-अलग स्कूलों में ग्रुप-सी कर्मचारी पदों पर गैर-सूचीबद्ध उम्मीदवारों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि स्कूल सेवा आयोग नियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए उपरोक्त व्यक्तियों ने 18 मई 2019 को समिति की समाप्ति के बाद ग्रुप सी की रिक्तियों को लेकर अनधिकृत तरीके से काम किया. अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने क्षेत्रीय आयोगों के फर्जी ‘मेमो’ जारी करके और ऐसे आयोगों के अध्यक्षों के स्कैन किए गए हस्ताक्षरों का उपयोग असफल उम्मीदवारों की सिफारिशें कीं.
माध्यमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष का फर्जी घोटाले में शामिल होने का आरोप
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, स्कूल सेवा आयोग नियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए उपरोक्त व्यक्तियों ने 18 मई, 2019 को समिति की समाप्ति के बाद ग्रुप-सी की रिक्तियों को लेकर अनधिकृत तरीके से काम किया. अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने क्षेत्रीय आयोगों के फर्जी मेमो जारी करके और ऐसे आयोगों के अध्यक्षों के स्कैन किए गए हस्ताक्षरों का उपयोग असफल उम्मीदवारों की सिफारिशें कीं. बता दें कि इस मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पहले से गिरफ्तार हैं और कल्याणमय गांगुली न केवल प्राथमिक शिक्षा परिषद के चेयरमैन थे बल्कि की पूर्व शिक्षा मंत्री द्वारा गठित नियुक्ति समिति के सलाहकार सदस्य भी थे. इसी समिति ने राज्य में गैरकानूनी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए रिक्त पद सृजित किए और ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई जिन्होंने या तो परीक्षा नहीं दी या पास नहीं हुए.
पार्थ और कल्याणमय के आमने-सामने बैठाकर हो सकती है पूछताछ
खास बात यह है कि आज ही यानी गुरुवार को ही सीबीआई ने जेल में बंद पार्थ चटर्जी को अपनी हिरासत में लेने की अर्जी लगाई है जिसे अलीपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अनुमति भी दे दी है. इसलिए इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि कल्याणमय गांगुली और चटर्जी को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है. कल्याणमय गांगुली अध्यक्ष रहते हुए खुद ही नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करते थे और न केवल एसएससी के जरिए बल्कि ग्रुप डी और ग्रुप सी की नियुक्तियों में भी उनकी भूमिका संदिग्ध रही है. वर्ष 2012 में वह माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे। उसके बाद से वह इसी पद पर बने रहे. इसके पहले राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नियुक्ति मामले में भी कल्याणमय का नाम आया था. उनके घर पहले केंद्रीय एजेंसी ने छापेमारी कर कई घंटे तक तलाशी अभियान भी चलाया था.