पीएम मोदी ने कहा, यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने डिप्लोमैसी और बातचीत का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शांतिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादि-वोस्तोक में आयोजित किए जा रहे सातवें पूर्वी आर्थिक मंच को संबोधित किया. पीएम मोदी वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में जुड़े. उन्होंने कहा कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में विश्व के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव पैदा करती हैं. यूक्रेन संघर्ष और कोविड महामारी से ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर बड़ा असर पड़ा है. खाद्यान्न, फर्टीलाइजर और फ्यूल की कमी विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता के विषय हैं. यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने डिप्लोमैसी और बातचीत का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शांतिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है.ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. ऊर्जा के साथ-साथ भारत ने फार्मा और डायमंड्स के क्षेत्रों में भी रशियन फार ईस्ट में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं. 2019 में मुझे इस फोरम में रू-ब-रू हिस्सा लेने का मौका मिला था. उस समय हमने भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ नीति की घोषणा की थी और परिणामस्वरूप रशियन फार ईस्ट के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है. आज यह नीति भारत और रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की एक प्रमुख स्तम्भ बन गई है.