तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राशन की दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर रखने के लिए कहना अनुचित है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी के जिलाधिकारी जितेश पाटिल की तब खिंचाई की, जब वह इस बात का जवाब नहीं दे सके कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किए जाने वाले चावल में केंद्र और राज्य का हिस्सा कितना है.
भारतीय जनता पार्टी की ‘लोकसभा प्रवास योजना’ के तहत जहीराबाद संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाली केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिलाधिकारी से यह भी पूछा कि बिरकुर में उचित मूल्य की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों गायब है?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिलाधिकारी से पूछा, ‘जो चावल खुले बाजार में 35 रुपये में बिक रहा है, वह यहां एक रुपये में लोगों को बांटा जा रहा है. इसमें राज्य सरकार का कितना हिस्सा है? ‘वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र साजो-सामान और भंडारण सहित सभी लागत को वहन करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की दुकानों में चावल की आपूर्ति कर रहा है और यह जवाब पाने की कोशिश कर रहा है कि मुफ्त चावल लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं.
केंद्र और राज्य सरकार कितना पैसा देता है?
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र लगभग 30 रुपये देता है और राज्य सरकार चार रुपये देती है, जबकि लाभार्थियों से एक रुपया वसूला जाता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्च-अप्रैल 2020 से राज्य सरकार और लाभार्थियों के किसी भी योगदान के बिना केंद्र 30 रुपये से 35 रुपये की कीमत पर मुफ्त चावल उपलब्ध करा रहा है.
सीतारमण के बयान की तेलगांना सरकार ने की निंदा
इस बीच, उनकी टिप्पणियों की निंदा करते हुए तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राशन की दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर रखने के लिए कहना अनुचित है. उनके अनुसार, केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केवल 50 से 55 प्रतिशत कार्डधारकों को प्रति माह तीन रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 10 किलोग्राम चावल की आपूर्ति करता है और शेष 45-50 प्रतिशत कार्डधारकों के लिए तेलंगाना सरकार अपने खर्च से आपूर्ति करती है.स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने कहा, ‘‘यह हासयास्पद है. वह जो बात कर रही हैं उससे प्रधानमंत्री का दर्जा गिरता है. वह ऐसे बात कर रही थीं जैसे सारा चावल (जो मुफ्त दिया जाता है) उनके (केंद्र) द्वारा दिया जा रहा है.’’