गुलाम नबी आजाद के साथ जी-23 के तीन नेताओं की बैठक ने जहां अटकलों को हवा दी, वहीं भूपिंदर सिंह हुड्डा ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि बैठक एक अलग उद्देश्य के लिए थी।

आजाद के पार्टी से इस्तीफे के तुरंत बाद भूपिंदर सिंह हुड्डा,आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने गुलाम नबी आजाद से उनके आवास पर मुलाकात की, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि क्या गुलाम नबी आजाद के बाहर निकलने से और बड़े टिकट वाले इस्तीफे दिखाई देंगे, पलायन के अलावा जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई शुरू हो गई है। अनुभव कर रहा है। तीनों नेता कांग्रेस के बागी समूह जी-23 का हिस्सा रह चुके हैं, जबकि आनंद शर्मा पहले ही हिमाचल कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पहले से ही टेलीविजन साक्षात्कारों में राहुल गांधी के खिलाफ बोलने के लिए पार्टी के रडार पर हैं।
सैलजा ने बातचीत में कहा कि जिस तरीके से हुड्डा और आजाद के बीच मुलाकात हुई है, वह सही नहीं है। उन्होंने इस पूरे मामले को हाईकमान के समक्ष रखा है। आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जिस तरीके से राहुल गांधी के खिलाफ बोला, उसके बाद भी हुड्डा की आजाद से मुलाकात का कार्यकर्ताओं में बहुत गलत संदेश गया है। इससे कांग्रेस का नुकसान हो सकता है। कांग्रेस को इस पूरे मामले में संज्ञान लेना चाहिए।सैलजा के पत्र पर प्रभारी विवेक बंसल का कहना है कि उन्हें पत्र मिल चुका है। वह इसे हाईकमान के समक्ष रखेंगे।
निराश नेता उनकी मुलाकात पर उठा रहे हैं सवाल : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि गुलाम नबी आजाद से उनकी मुलाकात किसी से छुपी नहीं है। आजाद से उनकी मुलाकात पर सवाल उठाने वाले नेताओं की निराशा बोल रही है। आजाद उनके पुराने साथी हैं। एक ही परिवार में दोनों ने लंबे समय से काम किया है। हमने एक मांग कांग्रेस हाईकमान के समक्ष रखी थी, वह हाईकमान ने मान ली है। सोनिया गांधी संगठन का चुनाव करवा रही हैं। ऐसे में आजाद ने जब अचानक कांग्रेस छोड़ी तो वे उनसे इसका कारण पूछने गए थे।
हुड्डा ने कहा कि उन्होंने आजाद को यह भी नसीहत दी है कि अब वह कोई कटुता भरी बात नहीं करें। पूर्व सीएम ने सफाई देते हुए वे हमेशा कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ रहे हैं। आज भी वे गांधी परिवार के साथ खड़े हैं। चार सितंबर को महंगाई के खिलाफ दिल्ली में होने वाली रैली में जब हरियाणा के लोग जुटेंगे तो सबके मुंह बंद हो जाएंगे।
बंसल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी
राज्यसभा चुनाव के बाद से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके खेमे ने प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल का अघोषित बहिष्कार किया हुआ है। हालांकि आजाद-हुड्डा से मुलाकात के बाद सैलजा ने कहा कि बंसल अभी भी हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी हैं। सैलजा ने कहा कि हुड्डा माने या न माने मगर हाईकमान ने ही बंसल को प्रदेश प्रभारी बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि वे तो अभी बंसल को ही प्रदेश प्रभारी मान रही हैं।