योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन साल 1985 में जेएनयू में प्रोफेसर बने थे. वह स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय थे. ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर उन्होंने काफी काम किया था.

जाने-माने अर्थशास्त्री और योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन का निधन हो गया. बताया जा रहा है कि 29-30 अगस्त की दरमियानी रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. वह 72 साल के थे. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इकनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में प्रोफेसर रहे अभिजीत देश के लिए काम करने वाली कई आर्थिक समितियों के भी सदस्य और अध्यक्ष रहे.
मूल रूप से जमशेदपुर के रहने वाले अभिजीत सेन मनमोहन सिंह सरकार में साल 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य रहे. उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी. वह इंग्लैंड के ससेक्स, कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड और एसेक्स यूनिवर्सिटी में भी पढ़ा चुके हैं. साल 1985 में वह जेएनयू आ गए और रिटायरमेंट तक यहां रहे. वह वहां के छात्रों में भी काफी लोकप्रिय थे.
MSP पर किए थे लंबा काम
अभिजीत साल 1997 में कृषि मंत्रालय के कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाले आयोग के अध्यक्ष रहे. उन्हें ग्रामीण अर्थशास्त्र और कृषि मामलों पर एक्सपर्ट के तौर पर देखा जाता रहा है. वे थोक मूल्य सूचकांक समिति के भी अध्यक्ष रहे.
आर्थिक सलाहकार के तौर पर कई समितियों में रहे
आर्थिक सलाहकार के तौर पर वह अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, खाद्य एवं कृषि संगठन, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम और एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी जुड़े रहे. साल 2010 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.