काम की बात बिजनेस

आईटीआर फाइल नहीं कर पाए तो ऐसे रिफंड कराएं TDS,ये रहा सबसे आसान तरीका

इनकम टैक्स का नियम कहता है कि अगर डेडलाइन या निर्धारित समय पर आईटीआर नहीं भरा जाए तो टैक्सपेयर टीडीएस रिफंड नहीं कर सकता. हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि टीडीएस का पैसा पाने के सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं.

टीडीएस यानी कि टैक्स डिडक्शन एट सोर्स. बैंक डिपॉजिट के ब्याज, सैलरी, रेंट आदि पर अगर टीडीएस कटता है, तो आपको पता होगा कि इसे वापस लेने या रिफंड कराने का तरीका इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है. लेकिन जो लोग तय समय पर आईटीआर फाइल नहीं कर पाए, वे टीडीएस रिफंड कैसे करा सकते हैं? इनकम टैक्स का नियम कहता है कि अगर डेडलाइन या निर्धारित समय पर आईटीआर नहीं भरा जाए तो टैक्सपेयर टीडीएस रिफंड नहीं कर सकता. हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि टीडीएस का पैसा पाने के सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं. सेक्शन 119(2)(b) के तहत टीडीएस रिफंड, एक्जेम्पशन, डिडक्शन का लाभ दिया जाता है.

दरअसल, सेक्शन 119(2)(b) के जरिये सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस इनकम टैक्स अधिकारियों को निर्देश देता है कि आईटीआर की मियाद गुजरने के बाद भी इस तरह के रिफंड क्लेम की सुविधा दी जाए. हालांकि यह सुविधा तभी दी जाती है, जब टैक्सपेयर आईटीआर नहीं भर पाने की वाजिब वजह बताए. इसमें क्लेम की राशि के अनुसार अधिकारियों को जिम्मा दिया जाता है. एक एसेसमेंट ईयर में अगर 10 लाख का क्लेम है, तो प्रिंसिपल कमिश्नर या इनकम टैक्स कमिश्नर उस क्लेम को पास कर सकता है या खारिज कर सकता है. 10 से 50 लाख तक का रिफंड क्लेम प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर को निपटाने का अधिकार है. 50 लाख से अधिक की राशि का क्लेम हो, तो उसे सीबीडीटी अपने स्तर पर निपटाता है.

इसे एक उदाहरण से समझें. रामचंद्र सीनियर सिटीजन हैं जिनके फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज पर टीडीएस कट गया है. चूंकि उनकी तबीयत खराब रही, इसलिए वे समय पर आईटीआर नहीं भर पाए. ऐसे में वे टैक्स अधिकारी के पास टीडीएस रिफंड का क्लेम भर सकते हैं.

कैसे भरें रिफंड क्लेम

  1. इसके लिए संबंधित टैक्स अधिकारी के नाम एक आवेदन लिखना होगा जिसमें आईटीआर नहीं भरे जाने की वजह बतानी होगी.
  2. इस आवेदन के समर्थन में टैक्सपेयर को कुछ जरूरी कागजात लगाने होंगे. जैसे, तबीयत खराब होने की स्थिति में मेडिकल रिपोर्ट देनी होगी.
  3. अगर टैक्स अधिकारी को इसके अलावा कोई और कागजात चाहिए होगा तो वह टैक्सपेयर को नोटिस भेजकर इसकी जानकारी देगा.
  4. इस नोटिस की जानकारी ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘पेंडिंग एक्शन’ टैब में दिख जाएगी. वहां से नोटिस चेक किया जा सकता है.
  5. अगर आवेदन मंजूर हो जाए तो सेक्शन 119(2) के तहत ई-फाइलिंग टैब में जाकर ऑनलाइन आईटीआर भरना होगा.
  6. अगर टैक्सपेयर का आवेदन इनकम टैक्स विभाग खारिज कर तो हाई कोर्ट में एक याचिका दर्ज करनी होगी.
  7. इसी तरह की रिफंड की सुविधा ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘कॉन्डोनेशन रिक्वेस्ट’ टैब के अंतर्गत क्लेम फाइल करने के लिए दी जाती है.
  8. कॉन्डोनेशन रिक्वेस्ट टैब में जाकर ‘अलाऊ आईटीआर फाइलिंग आफ्टर टाइम बार्ड’ टैब को सेलेक्ट करना होगा और आईटीआर फाइल करनी होगी.
  9. इस तरह के रिफंड क्लेम के लिए टैक्सपेयर को 6 साल तक का समय मिलता है जो कि एसेसमेंट ईयर से 6 साल तक की अवधि में क्लेम फाइल किया जा सकता है.
Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.