
अमेरिकन एक्सप्रेस पर लगी पाबंदियों को भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को हटा दिया है। अब अमेरिकन एक्सप्रेस अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहक जोड़ सकेगी। आरबीआइ ने कहा कि अमेरिकन एक्सप्रेस की ओर से भुगतान प्रणाली आंकड़ों के भंडारण पर निर्देशों का अनुपालन संतोषजनक पाए जाने के मद्देनजर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है। आरबीआइ ने 1 मई, 2021 से प्रभाव में आए भुगतान प्रणाली के डेटा स्टोरेज को लेकर जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन पर पाबंदी लगाई थी।
आरबीआइ ने अप्रैल 2018 में सभी भुगतान प्रणाली प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि वे भुगतान व्यवस्था से संबंधित अपने सभी आंकड़े भारत में ही रखें। साथ ही उन्हें इस बारे में अनुपालन को लेकर केंद्रीय बैंक को सूचना भी देनी थी और निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त ‘सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट’ निर्धारित समयसीमा के भीतर जमा करनी थी।
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प एक पेमेंट सिस्अम ऑपरेटर है जिसे पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट, 2007 के तहत देश में कार्ड नेटवर्क के परिचालन के प्राधिकृत है। आपको बता दें कि इस साल जून में मास्टर कार्ड पर लगाई गई पाबंदियों को भी भारतीय रिजर्व बैंक ने हटा दिया था। मास्टरकार्ड पर जुलाई 2021 में प्रतिबंध लगाया गया था।
पिछेले साल नवंबर में डिनर्स क्लब इंटरनेशनल पर लगी पाबंदियां भी भारतीय रिजर्व बैंक ने हटा दी थी। डाइनर्स क्लब पर अमेरिकन एक्सप्रेस जैसा ही आरोप था और इस पर लगी पाबंदियां 1 मई 2021 से प्रभावी हुई थीं।
अप्रैल 2018 में जारी स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा के नियमों के अनुसार, सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना है कि उनके द्वारा परिचालित भुगतान प्रणाली से जुड़े डेटा सिर्फ भारत में ही संग्रहीत किए जा रहे हैं। इन पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स के लिए आरबीआइ के नियमों का अनुपालन करना भी अनिवार्य है।