दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत सभी आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया है. इसकी जानकारी सूत्रों ने दी है.

CBI छापेमारी के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ अब लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. जिसके बाद उनके देश छोड़ने पर रोक लग गई है. सीबीआई की तरफ से ये लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. बताया गया है कि कथित आबकारी घोटाले से जुड़े बाकी आरोपियों के खिलाफ भी ये नोटिस जारी किया गया है. जिससे कि कोई भी देश छोड़कर ना जा पाए. सिसोदिया समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी हुआ है.
इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू करने के दौरान भ्रष्टाचार के कथित मामले में शनिवार को तीन आरोपियों के बयान दर्ज किए. मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 स्थानों पर की गई छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के नाम हैं. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया है. सीबीआई ने 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई ने सिसोदिया, कृष्ण, पूर्व आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर सहित नौकरशाहों, नौ कारोबारियों और दो कंपनियों को मामले में नामजद किया है.
ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला
बता दें कि लुकआउट नोटिस जारी होने से ठीक पहले मनीष सिसोदिया की तरफ से एक ट्वीट किया गया. जिसमें उन्होंने पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में पीएम मोदी सीबीआई छापेमारी को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार को घेरते दिख रहे हैं, वो कह रहे हैं कि सीबीआई छापेमारी गुजरात को बदनाम करने के लिए की जा रही है. सरकार एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. इसे शेयर करते हुए सिसोदिया ने लिखा – “माना कि धीरे धीरे तो, मौसम भी बदलते रहते हैं, आपकी रफ़्तार से तो, हवाएं भी हैरान हैं साहब.”
14 घंटे तक सिसोदिया के घर रही सीबीआई
बता दें कि इससे पहले 20 अगस्त की सुबह सीबीआई की एक टीम ने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी करीब 14 घंटे तक चली. इस दौरान सीबीआई ने बताया कि आबकारी नीति मामले को लेकर सिसोदिया और बाकी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसके तहत ये छापेमारी की गई. हालांकि छापेमारी के बाद क्या निकला, ये एजेंसी की तरफ से साफ नहीं किया गया. इसे लेकर आम आदमी पार्टी की तरफ से तंज भी कसा जा रहा है, कहा जा रहा है कि इतनी बड़ी छापेमारी के बाद भी सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लग पाया.