योजना की वजह से सड़क पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा. वहीं किसानों की आय भी बेहतर होगी. साथ ही सामान की लगातार और तेज आपूर्ति से कीमतों को नियंत्रण रखने में भी मदद मिलेगी.

दिल्ली-एनसीआर को जोड़ने वाली रैपिड रेल अब माल भी ढोएगी। पहले चरण में दिल्ली-मेरठ रूट पर तीन वेयरहाउस बनाए जाएंगे। किसानों के साथ होम डिलीवरी करने वाली कंपनियों को भी इसका लाभ होगा।
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन का दावा है कि इससे सड़कों पर भारी वाहनों में कमी आएगी। ‘हिन्दुस्तान’ के साथ बातचीत में एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड रेल यात्रियों के साथ-साथ एनसीआर में माल ढोने का भी बड़ा जरिया बनेगी।
क्या है ये योजना
योजना के मुताबिक दिल्ली एनसीआर मे रैपिड रेल के रूट्स के अनुसार 3 वेयरहाउस बनाए जाएंगे. ये मोदीपुरम, दुहाई और जंगपुरा में तैयार होंगे. इनमे कोल्ड स्टोरेज चेन के रुप मे विकसित किया जाएगा. जिससे जल्द खराब होने वाले उत्पादों को भी दूर तक पहुंचाया जा सके. आने वाले समय में ऐसे कई वेयर हाउस पूरे दिल्ली एनसीआर में होंगे. एनसीआर के किसान इन वेयरहाउस का इस्तेमाल अपना सामान रखने के लिए कर सकेंगे और रैपिड रेल के जरिए इस सामान को दिल्ली एनसीआर के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए रूट पर स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी है. इन ट्रेन को खास तौर पर माल ढोने के लिए विकसित किया जाएगा.
क्या होगा इस योजना का फायदा
इस योजना से 3 फायदे मिलने की उम्मीद है. पहला कोल्ड चेन और रैपिड रेल की मदद से सामान को तेजी के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकेगा. जिससे आपूर्ति बनी रहेगी और बेवजह कीमतों में तेज नहीं आएगी. वहीं किसानों का उत्पाद खराब नहीं होगा जिससे उनका नुकसान घटेगा. वहीं नए बाजार मिलने से उन्हें बेहतर आय मिलेगी. वहीं सामान को रैपिड रेल से पहुंचाने का कारण सड़क से भारी वाहनों की बोझ कम होगा. इससे ट्रैफिक बोझ घटेगा और लोगों का कीमती समय और फ्यूल बचेगा. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी लाई जा सकेगी.