द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वह शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली आदिवासी हैं। वह ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म देश की आजादी के बाद हुआ है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र को संबोधित करेंगी. राष्ट्रपति के तौर पर राष्ट्र के नाम यह उनका पहला संबोधन होगा. राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क पर और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर शाम 7 बजे से किया जाएगा. इसे पहले हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित किया जाएगा. ‘‘दूरदर्शन पर हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद इसके क्षेत्रीय चैनलों द्वारा संबंधित क्षेत्रीय भाषाओं में इसे प्रसारित किया जाएगा. आकाशवाणी अपने संबंधित क्षेत्रीय नेटवर्क पर रात 9.30 बजे क्षेत्रीय भाषा में इसे प्रसारित करेगा.
द्रौपदी मुर्मू (64) ने 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. वह शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली आदिवासी हैं. वह ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म देश की आजादी के बाद हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं. वह झारखंड की पहली आदिवासी राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
आजादी के 75वें वर्ष में भारत ने 75 वेटलैंड्स के लक्ष्य को किया हासिल
पर्यावरण मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि 11 और आर्द्रभूमियों (वेटलैंड्स) को रामसर सूची में शामिल किया गया। इसी के साथ आजादी के 75वें वर्ष में देश में अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स की संख्या 75 हो गई है।
सूची में शामिल 11 स्थलों में से तमिलनाडु में 4, ओडिशा में 3, जम्मू-कश्मीर में 2 और मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में एक-एक हैं। 1982 से 2013 तक 26 साइटों को रामसर सूची में रखा गया, जबकि 2014 के बाद से 49 साइटों को यह उपलब्धि हासिल हुई। इस साल सबसे ज्यादा 28 स्थल वेटलैंड्स घोषित किए गए।
ये हैं नए वेटलैंड्स
तमिलनाडु में चित्रंगुडी पक्षी अभयारण्य, सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, वडुवुर पक्षी अभयारण्य और कांजीरंकुलम पक्षी अभयारण्य, ओडिशा में ताम्पारा झील, हीराकुंड जलाशय और अंसुपा झील, जम्मू-कश्मीर में हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व व शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व व महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में क्रमश: ठाणे क्रीक व यशवंत सागर को इस सूची में शामिल किया गया है। बता दें कि अभी तमिलनाडु में रामसर स्थलों की अधिकतम संख्या 14 है।