स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला इलाके को बंदर रहित यानी मंकी फ्री जोन करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है. इसी कड़ी में पूरे इलाके को मंकी फ्री करने की कवायद की जा रही है.

स्वतंत्रता दिवस सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है लाल किला इलाके में बंदरों को पकड़ना. दरअसल सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक बड़ी विचित्र परेशानी आकर खड़ी हो गई है और वह यह है कि स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला इलाके को बंदर रहित यानी मंकी फ्री जोन कर सके. ताकि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से भाषण दे और झंडा फहराये तो वहां पर कोई भी बंदर ना आ सके. लगभग 10 ट्रेंड बंदर पकड़ने वाले मंकी कैचर्स को एमसीडी ने इस काम के लिए लगाया है. साथ ही 8 मंकी कैचर को दिल्ली सरकार की फॉरेस्ट ऑफिस की जिला कंजरवेटर ने लगाया है जो पिछले 48 घंटों से इस पर काम कर रही हैं, जब उन्हें इंटेलिजेंस एजेंसी से पता चला कि शुक्रवार की सुबह रिहर्सल के दौरान उस इलाके में बड़ी संख्या में बंदर मौजूद थे. न सिर्फ लाल किला बल्कि सेंट्रल जिले के अधिकारी राजघाट इलाके में भी कांबिंग कर रहे हैं जोकि प्रधानमंत्री विजिट करेंगे और इसीलिए इस पूरे इलाके को मंकी फ्री करने की कवायद की जा रही है.
मोहम्मद तसलीम जो कि एक मंकी कैचर हैं, बताते हैं कि लगभग पिछले 15 साल से वह एमसीडी के साथ काम कर रहे हैं लेकिन पहली बार उनको लाल किला इलाके में बंदर पकड़ने के लिए बुलाया गया है. मोहम्मद तसलीम बताते हैं कि 10 अगस्त को उन्हें यहां लगाया गया था और यहां पर उन्होंने सात बंदर भी देखे थे. सबसे पहले पूरे इलाके का सर्वे किया और जानकारी जुटाई कि कहां सबसे ज्यादा बंदर इकट्ठा होते हैं और उस हिसाब से अब पिंजरे लगाएं हैं जिनमें बंदर कैद हो सके.
स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं और पतंग, गुब्बारे चाइनीज लालटेन इन सभी के फंक्शन एरिया में पहुंचने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता कदम उठाए जा रहे हैं. पतंग उड़ाने वाले लोगों की पहचान की जा रही है और उन्हें हिदायत दी जा रही है ताकि 13 अगस्त से 15 अगस्त तक वो उस इलाके में पतंगबाजी से दूर रहें. पतंगबाजी प्रतियोगिता की 15 अगस्त की शाम को ही आज्ञा दी गई है. फिलहाल 15 अगस्त के दौरान सुरक्षा में कोई कोताही ना हो, इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां हर एक चीज पर पैनी नजर रख रही है और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठा रही है.