यूपी एटीएस का दावा है कि सबाउद्दीन आजमी सीरिया के आतंकी अबू बकर अल-शामी के संपर्क में था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर हो रही कार्रवाई का बदला लेने के लिए IED, ग्रेनेड बनाना और उसका इस्तेमाल करना सीखा। इसके अलावा वह बड़े पैमाने पर युवाओं को भर्ती कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं को निशाना बनाने की साजिश कर रहा था।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़ी आतंकी घटना का षड्यंत्र रचा जा रहा था। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता ने आजमगढ़ से आतंकी सबाउद्दीन आजमी को गिरफ्तार कर इस खतरनाक साजिश को नाकाम किया है। आरोपित आजमी आतंकी संगठन आईएसआईएस के सीधे संपर्क में था और उसकी निशानदेही पर बम बनाने के उपकरण, 315 बोर का अवैध शस्त्र व कारतूस बरामद किया गया है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सबाउद्दीन लगभग दो वर्षों से आतंकी संगठन के आईएसआईएस के सक्रिय सदस्यों के सीधे संपर्क में था। वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलसि-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन का सदस्य भी है। एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में आरोपित के विरुद्ध विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। कुछ अन्य संदिग्धों के बारे में भी छानबीन चल रही है।

एडीजी ने बताया कि सबाउद्दीन को आजमगढ़ के अमिलो मुबारकपुर से पकड़कर पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित एटीएस मुख्यालय लाया गया था, जहां उसके विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस को खुफिया एजेंसियों से कुछ संदिग्ध युवकों के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके बाद सबाउद्दीन के बारे में छानबीन तेज की गई थी।
जिसमें सामने आया कि वह इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिये आइएस के आतंकियों के सीधे संपर्क में है। सबाउद्दीन के मोबाइल फोन को खंगालने पर इसके पुख्ता साक्ष्य मिले। सामने आया कि आइएस के द्वारा मुस्लिम युवकों को जिहाद व आतंक की राह पर धकेलने के लिए बनाये गये टेलीग्राम चैनल अल-शक्र मीडिया से सबाउद्दीन भी जुड़ा था।
जांच में यह भी सामने आया कि सबाउद्दीन का फेसबुक के जरिये बिलाल नाम के व्यक्ति से संपर्क हुआ था और दोनों के बीच जिहाद तथा कश्मीर में मुजाहिदों पर हो रही कार्रवाई को लेकर बात होती थी। दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ने पर बिलाल ने उसे आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य मूसा उर्फ खत्ताब कश्मीरी का नंबर दिया था। इसके बाद सबाउद्दीन सीधे मूसा से बात करने लगा था।
मूसा ने उसे कश्मीर में मुजाहिदों के विरुद्ध हो रही कार्रवाई का बदला लेने के लिए उकसाया था और फिर उसे सीरिया में रह रहे आईएसआईएस के आतंकी अबू बकर अल शामी का नंबर दिया था। अबू बकर के संपर्क में आने के बाद सबाउद्दीन देश में आइएस की तरह एक आतंकी संगठन खड़ा करने की योजना बनाने के साथ ही आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने का प्रशिक्षण ले रहा है।
आरएसएस के बड़े नेता भी थे निशाने पर
सबाउद्दीन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बड़े नेताओं व सदस्योें को भी निशाना बनाने की फिराक में था। एडीजी का कहना है कि इसके लिए वह आरएसएस में घुसने की सेंध लगा रहा था। इसके लिए उसने आरएसएस के नाम से जाली मेलआइडी भी बनाई थी और फर्जी नाम से फेसबुक पर आरएसएस के सदस्यों से जुड़ने का प्रयास कर रहा था। सबाउद्दीन ने सबाहु, दिलावर खान, बैरम खान व आजर के नाम से भी अपनी पहचान बना रखी थी।
यह हुई बरामदगी
सबाउद्दीन के कब्जे से अवैध असलहे के अलावा शोल्डिंग आयरन, वायरिंग वायर, सफेद रंग की दो लीड, वायर कटर, टेस्टर, पेंचकस, ड्रिल मशीन, कीलें व अन्य वस्तुएं बरामद की गई हैं।