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कृष्ण जन्मभूमि पर पूजा की अनुमति वाले मुकदमे की सुनवाई हाई कोर्ट ने लगाए प्रतिबंध,बचाव पक्ष को जबाबी हलफ़नामा करने का दिया निर्देश

मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग वाली याचिका पर मथुरा की सिविल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर आठ हफ्ते के लिए रोक लगा दी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की ‘वास्तविक जन्मभूमि’ पर पूजा की अनुमति मांगने से संबंधित मामले की सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी. यह मुकदमा निचली अदालत में चल रहा है और भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि कथित तौर पर ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह के कब्जे में है.हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया. सुनवाई की अगली तारीख रजिस्ट्रार द्वारा बाद में तय की जाएगी. जस्टिस सलिल कुमार राय ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की एक याचिका पर यह आदेश पारित किया. 

बोर्ड ने मथुरा के जिला न्यायाधीश के 19 मई 2022 के आदेश को चुनौती दी थी. अपने 19 मई के आदेश में, पुनरीक्षण अदालत ने निचली अदालत को मामले की सुनवाई करने और उसमें उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया था.

13 एकड़ जमीन से मस्जिद को हटाए जाने की मांग

अब 8 हफ्ते बाद इस मामले में सुनवाई होगी. साल 2020 में मथुरा की सिविल कोर्ट में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के वाद मित्रों के तौर पर एक मुकदमा दाखिल किया गया था. इस मुकदमे में श्री कृष्ण जन्मस्थान से सटी हुई शाही ईदगाह मस्जिद की 13 एकड़ जमीन से मस्जिद को हटाए जाने और विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. सिविल कोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को इस वाद को सुनवाई के लिए नामंजूर कर दिया था.

सिविल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ऑर्डर सात रूल 11 के तहत भगवान श्री कृष्ण विराजमान के वाद मित्र के तौर पर याचिकाकर्ता को वाद दाखिल करने का अधिकार नहीं है. सिविल कोर्ट के इस फैसले को जिला जज की अदालत में चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए जिला जज की कोर्ट में पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की थी.

जिला जज को पुनरीक्षण अर्जी पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं

वक्फ बोर्ड की अर्जी में कहा गया कि क्योंकि मामला 25 लाख रुपए से ज्यादा मूल्य का है, इसलिए जिला जज को पुनरीक्षण अर्जी पर सुनवाई करने का अधिकार ही नहीं है. यह मामला उनके क्षेत्राधिकार से बाहर का है. हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई होने तक निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर रोक लगा दी है.

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Pooja Pandey

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