पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़ा फैसला सुनाया है. सरकार ने अब किसान यूनियनों की हर मांग को पूरी करने की सहमति जताई है जिसपर किसानों ने खुशी जताई है और कहा है कि-अब विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे. जनिए क्या थी किसानों की मांग.

किसान यूनियनों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात के बाद पंजाब सरकार के खिलाफ अपना प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन का फैसला वापस ले लिया है. किसानों का कहना है कि, मान सरकार ने उनकी “अधिकांश मांगों” को स्वीकार कर लिया है. इसीलिए अब हम अपने विरोध प्रदर्शन के फैसले को वापस ले रहे हैं. अब हम विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे. पंजाब भवन में मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद किसानों ने यह फैसला लिया है.
गौरतलब है कि भारती किसान यूनियन (सिद्धूपुर) समेत कई किसान संगठनों ने गन्ना बकाया का भुगतान न करने समेत कई मुद्दों पर मान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.
किसानों की मांग ये थीं-
यहां पत्रकारों से बात करते हुए मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 7 सितंबर तक गन्ने के सभी लंबित बकाया का भुगतान कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उनकी सरकार ने पराली जलाने और आंदोलन के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का फैसला किया है. मान ने कहा, “आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को पांच अगस्त तक पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.”
किसान नेताओं ने कहा-अगली बैठक सात सितंबर को होगी
इस बीच, एएनआई से बात करते हुए, बीकेयू सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, “हमारी अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. हमने अस्थायी रूप से अपना विरोध स्थगित कर दिया है. हमें आश्वासन दिया गया है कि 7 सितंबर तक बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा. हमारी अगली बैठक 7 सितंबर को होगी.”
31 जुलाई को पंजाब में किसानों ने किया था विरोध-प्रदर्शन
इससे पहले 31 जुलाई को, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा देशव्यापी विरोध के आह्वान के जवाब में पंजाब भर के किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का ‘रेल रोको’ विरोध किया, जिसमें लगभग 40 खेत शामिल थे. संगठन, मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के उचित कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं.
किसान संगठनों ने 18 से 30 जुलाई तक विरोध प्रदर्शन किया था
इससे पहले 11 जुलाई को लुधियाना में भारती किसान यूनियन (लखोवाल) के कार्यालय में राज्य निकाय की बैठक में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. इससे पहले बीकेयू महासचिव और एसकेएम राज्य समिति के सदस्य हरिंदर सिंह लखोवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि किसान संगठन 18 से 30 जुलाई तक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर विरोध प्रदर्शन के लिए समर्थन जुटाएंगे.
एसकेएम ने 3 अगस्त को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गन्ने के बकाया का भुगतान न करने और सफेद मक्खी से क्षतिग्रस्त कपास की फसल के मुआवजे सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने की अपनी मंशा की भी घोषणा की थी.