इस बार नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन लोग विधि-विधान से नाग देवता की पूजा करते हैं. इस दिन नाग देवता के कौन से मशहूर मंदिरों में दर्शन के लिए जा सकते हैं आइए जानें.

नाग पंचमी का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन और हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी का त्यौहार 2 अगस्त को है। इस मौके पर महिलाएं नाग देवता की पूजा की पूजा करती हैं और परिवार की खुशहाली की मंगल कामना करती हैं। नाग पंचमी के मौके पर भगवान भोलेनाथ की भी पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू परंपराओं के मुताबिक, सांप एक अभिन्न अंग है और कई हिंदू देवताओं द्वारा भी सर्प का प्रतिनिधित्व किया जाता है। भगवान शिप अपने गले में सर्प की माला पहनते हैं, तो वहीं भगवान विष्णु शेषनाग पर सवार होते हैं। नागराज की पूजा के लिए भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं।
नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन
नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे भाग में है. ये मंदिर साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही दर्शन के लिए खोला जाता है. ऐसा माना जाता कि यहां नागराज तक्षक रहते थे. इस मंदिर में शिवजी, गणेशजी, देवी पार्वती और दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं. उज्जैन के अलावा ऐसा मंदिर कहीं भी नहीं है.
वासुकि नाग मंदिर, प्रयागराज
ये मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज में संगम तट पर दारागंज क्षेत्र में स्थित है. वासुकि भगवान शिव के गले के नाग हैं. नाग पंचमी के दौरान यहां बहुत ही बड़ा मेला लगता है.
तक्षकेश्वर नाथ, प्रयागराज
तक्षकेश्वर नाथ मंदिर प्रयागराज में युमना किनारे पर है. ये एक प्राचीन मंदिर है.
मन्नारशाला नाग मंदिर, केरल
केरल के अलेप्पी जिले से लगभग 40 किमी की दूरी पर मन्नारशाला नाग मंदिर स्थित है. इस मंदिर में केवल एक या दो नाग की प्रतिमा नहीं बल्कि 30 हजार नागों की प्रतिमाएं हैं. ये मंदिर हरे भरे जंगलों से घिरा है. इस मंदिर में नागराज और उनकी जीवन संगिनी नागयक्षी देवी की प्रतिमा भी स्थित है.
कर्कोटक नाग मंदिर, भीमताल
ये मंदिर नैनीताल के पास स्थित भीमताल में है. ये बहुत ही प्राचीन मंदिर है. इसे कर्कोटक नाग मंदिर के रूप में जाना जाता है. ये मंदिर कर्कोटक नामक पहाड़ी के टॉप पर स्थित है. ये मंदिर लगभग 5 हजार साल पुराना है.
नागपुर इंदौर का नाग मंदिर
मध्यप्रदेश के इंदौर से लगभग 30 किमी की दूरी पर नागपुर गांव है. इसमें एक नाग मंदिर है. कहा जाता है कि यहां दोमुंहे सांप दर्शन देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एक महिला ने यहां दोमुंहे सांप को जन्म दिया था. इस मंदिर में 2 नागों की 3 फुट ऊंची प्रतिमा है