1 अगस्त को दो दोस्तों ने मिलकर एडिरोंडैक पर्वत के 46वें शिखर पर चढ़ाई पूरी की थी. उनके पर्वतों के प्रति प्रेम को देखकर हर साल 1 अगस्त को नेशनल माउंटेन क्लाइंबिंग डे मनाया जाने लगा. यहां जानिए भारत के 5 मशहूर ट्रेक के बारे में.

हर साल 1 अगस्त को नेशनल माउंटेन क्लाइंबिंग डे मनाया जाता है. इसके पीछे दो मित्रों की कहानी प्रचलित है. कहा जाता है कि बॉबी मैथ्यू और जोश मैडिगन नाम के दो मित्र प्रकृति के बेहद करीब थे. दोनों ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में एडिरोंडैक पर्वत नाम के पहाड़ की 46 ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की थी. 1 अगस्त 2015 को उन्होंने 46वें शिखर पर चढ़ाई सफलता पूर्वक की थी. दोनों दोस्तों का कहना था कि इस जीवन में हर व्यक्ति को कम से कम एक बार पहाड़ की चढ़ाई जरूर करनी चाहिए, इसके बाद उन्हें ये पता चल पाएगा कि शिखर पर पहुंचने के बाद कितना शानदार अनुभव मिलता है. प्रकृति के प्रति दोनों मित्रों के इस प्रेम को देखकर हर साल 1 अगस्त को राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. अगर आप भी बॉबी मैथ्यू और जोश मैडिगन की तरह पहाड़ों पर चढ़ाई करने का शौक रखते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे भारत के मशहूर 5 ट्रेक के बारे में, जहां आप कभी भी इस शौक को पूरा कर सकते हैं.
त्रियुंड ट्रेक
त्रियुंड ट्रेक हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित है. ये ट्रेक मेक्लोडगंज के पास से शुरू होता है और आपको घने जंगलों तक ले जाता है. समुद्र तल से 9350 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिउंड ट्रेक उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो पहली बाद ट्रेकिंग के लिए जा रहे हैं. इसे सबसे आसान ट्रेकों में से एक माना जाता है. त्रिउंड से धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा घाटी के बेहद मनमोहक दृश्य दिखाई देते हैं.
नैना पीक
नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी है नैना पीक. समुद्र तल से 8622 फीट की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक को चीना पीक के नाम से भी जाना जाता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि पहले कभी यहां चीना नाम के एक बाबा रहते थे, इस कारण इसको चीना पीक के नाम से भी जाना जाता है. इसकी चोटी पर आज भी चीना बाबा का छोटा सा मंदिर बना है. यहां से आप नैनीताल शहर की सुंदरता का बर्ड आई व्यू ले सकते हैं. साथ ही बंदर पूंछ चोटी से नेपाल के अपि एवं नरी चोटी तक का विहंगम दृश्य भी देख सकते हैं.
गोइचा ला
सिक्किम में मौजूद गोइचा ला ट्रेक दुनिया भर के ट्रेकर्स के बीच बहुत प्रसिद्ध है. यहां से आप हिमालय को बेहद करीब से देख सकते हैं. आपको यहां से दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंगा का भी मनोरम दृश्य दिखाई देता है. समुद्र तल से 16,207 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस ट्रेक पर जाने और युकसोम तक वापस आने में व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 दिनों का समय लगता है.
तांडियादामोल ट्रेक
तांडियादामोल ट्रेक कर्नाटक के कुर्ग में है. अपने ट्रेकिंग के शौक को पूरा करने के साथ आप यहां घने जंगलों और खूबसूरत विदेशी फूलों के साथ बहती नदियों का नजारा देख सकते हैं. अगर आप दक्षिण भारत में रहते हैं, तो आप आपको ट्रेकिंग का शौक पूरा करने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं. तांडियामोल ट्रेक पर आप इस शौक को आसानी से पूरा कर सकते हैं.
हाम्टा पास
हाम्टा पास ट्रेकिंग के शौकीन लोगों के लिए पसंदीदा जगह है. ये ट्रेक कुल्लू घाटी के हाम्टा पास से शुरू होकर स्पीति घाटी पर खत्म होता है. हजारों ट्रेकर इस पर्यटन स्थल पर ट्रेकिंग के लिए पहुंचते हैं. अगर आप ट्रेकिंग पहली बार कर रहे हैं, तो ये ट्रेक आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.